मुंबई
ऐतिहासिक ईडन गार्डंस मैदान पर दो वर्ल्ड कप फाइनल (1987 और वर्ल्ड टी20 2016) खेले गए हैं। इसके अलावा कई यादगार टेस्ट मैचों का गवाह भी रहा है यह मैदान। कोलकाता का यह मैदान दो बार की आईपीएल चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स का घरेलू मैदान भी है। इस मैदान पर जल्द ही एक और ऐतिहासिक पन्ना जुड़ सकता है। यहां भारतीय टीम अपना पहला डे/नाइट टेस्ट मैच खेला जा सकता है।
खबर है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) को 22 से 26 नवंबर के बीच ईडन पर खेले जाने वाले टेस्ट मैच को डे/नाइट फॉर्मेट में खेलने का प्रस्ताव दिया है। बीसीसीआई के एक आधिकारिक सूत्र ने रविवार को हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'हम इस पर काम कर रहे हैं।' क्रिकबज की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीसीबी ने अभी इस अनुरोध पर कोई फैसला नहीं किया है।
बीसीबी के ऑपरेशन चैयरमैन अकरम खान ने रविवार को ढाका में पत्रकारों को बताया, 'बीसीसीआई ने डे-नाइट टेस्ट मैच का प्रस्ताव दिया है। हम कुछ सोचकर इस बारे में फैसला करेंगे। हमें दो-तीन दिन पहले लेटर मिला है, हम इस बारे में कोई फैसला करेंगे लेकिन हमने अभी इस पर कोई चर्चा नहीं की है। हम बीसीसीआई को एक या दो दिन में अपने फैसले से अवगत करा देंगे।'
क्रिकबज की रिपोर्ट में बीसीबी के चीफ ऐग्जिक्यूटिव निजामुद्दीन चौधरी को कोट करते हुए कहा कि खिलाड़ियों और टीम प्रबंधन की सहमति के बिना वह कोई फैसला नहीं ले सकते। चौधरी ने कहा, 'सबसे पहले हमें खिलाड़ियों और टीम प्रबंधन के सदस्यों से इस बारे में बात करनी होगी। उनकी सहमति जरूरी है। यह पूरी तरह से तकनीकी मामला है। हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि पिंक बॉल से टेस्ट मैच खेलने के लिए एक अलग तरह की तैयारी की जरूरत होती है।' इस बात पर ध्यान देना भी जरूरी है कि बांग्लादेश न्यू जीलैंड की ओर से मिले इस तरह के प्रस्ताव को अतीत में अस्वीकार कर चुका है। उस समय टीम की ओर से गुलाबी गेंद से खेलने की कम तैयारियों को कारण बताया गया था।
23 अक्टूबर को बीसीसीआई के अध्यक्ष का पद संभालने वाले सौरभ गांगुली डे/नाइट टेस्ट मैच के पक्ष में नजर आते हैं। यह बात भी याद रखने वाली है कि क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष के रूप में जून 2016 में गांगुली ने ही भारत का पहला पिंक बॉल मैच कराने की पहल की थी। यह सुपर लीग फाइनल (चार दिवसीय मैच) मोहन बागान और भवानीपुर के बीच खेला गया था। तब बतौर तकनीकी कमिटी के चैयरमैन, गांगुली ने प्रस्ताव दिया था कि उस सीजन में दलीप ट्रोफी गुलाबी गेंद से खेली जाए। हालांकि इस सीजन में इस प्रयोग को बंद कर दिया गया।
गांगुली ने यह भी बयान दिया था कि भारतीय कप्तान विराट कोहली भी इससे सहमत हैं, कहीं न कहीं इशारा करता है कि जल्द ही भारत में गुलाबी गेंद से टेस्ट मैच खेला जा सकता है। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज के दौरान स्टेडियम खाली नजर आए ऐसे में लग रहा है कि इस आइडिया पर जल्द ही काम किया जा सकता है।
इससे पहले टीम प्रबंधन डे-नाइट टेस्ट मैच को लेकर अधिक गंभीर नहीं था। भारत ने पिछले साल ऐडिलेड में डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने के क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसी बीच कोहली और शास्त्री, प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बीसीसीआई के ऐक्टिंग सेकेटरी अमिताभ चौधरी के इसी तरह के प्रस्ताव से असहमति भी जताई थी। चौधरी ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ राजकोट में डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने का प्रस्ताव दिया था।
टीम प्रबंधन का रुख इस बात पर बिलकुल साफ है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने से पहले खिलाड़ियों को गुलाबी गेंद से पर्याप्त अभ्यास की जरूरत है। हालांकि यह कारण यह भी माना जा रहा है कि भारतीय स्पिनर्स को शायद गुलाबी गेंद से वह मदद नहीं मिलेगी जो उन्हें परंपरागत एसजी गेंद से मिलती है।
बांग्लादेश टीम का भारत दौरा 3 नवंबर से शुरू हो रहा है। टीम पहले तीन टी20 इंटरनैशनल मुकाबले खेलेगी और उसके बाद 14 नवंबर से अपनी टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत करेगी।