नई दिल्ली
दिल्ली गेट से हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को कोर्ट के आदेश के बाद छोड़ दिया गया है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के बाद 40 प्रदर्शनकारियों को दरियागंज पुलिस स्टेशन से रिहा कर दिया गया है. कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि वह हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों का इलाज कराए और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है हिरासत में लिए गए नाबालिग प्रदर्शनकारियों का मामला जुवेनाइल जस्टिस लॉ के तहत निपटाया जाए.
इसी के साथ दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर लोगों ने अपना धरना भी खत्म कर दिया है. प्रदर्शनकारी दिल्ली गेट में हुए प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने की मांग कर रहे थे.
दिल्ली गेट पर हुए प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई की मांग को लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन और दिल्ली वक़्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान दरियागंज पुलिस स्टेशन पहुंचे. इमरान हुसैन ने कहा कि जिन 40 लोगों को हिरासत में लिया गया उनमें से ज्यादातर को रिहा किया जा रहा है. जामा मस्जिद, सीलमपुर, ओखला में शांतिपूर्वक प्रदर्शन हुए, लेकिन कोई असामाजिक तत्व शैतानी करता है तो दुख की बात है.
वहीं अमानतुल्लाह खान ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन में आकर जो गड़बड़ करते हैं वो आरएसएस या बीजेपी के लोग हैं. वे माहौल को खराब करना चाहते हैं. इस प्रदर्शन को बीजेपी सांप्रदायिक रंग देना चाहती है और इस मुद्दे को मुसलमान से जोड़ना चाहती है जबकि ये मुद्दा पूरे हिंदुस्तान का है.
धरने पर बैठे थे लोग
प्रदर्शनकारियों को रिहा करने के लिए लोग दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे. इसमें जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के अलावा हिरासत में लिए गए लोगों के परिजन भी शामिल हुए.
इनके अलावा कुछ स्थानीय लोग भी इस धरना प्रदर्शन में शामिल रहे. इनकी मांग थी कि दरियागंज इलाके में स्थित दिल्ली गेट से हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा किया जाए.