पिथौरागढ़
भारत-नेपाल सीमा पर कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग लापरवाही बरत रहा है। कोरोना जैसी गंभीर बीमारे से निपटने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की जगह आयुर्वेदिक डॉक्टरों और फार्मासिस्ट की मदद से नेपाल से आने वाले लोगों की जांच के नाम पर खानापूरी कराई जा रही है। लोगों को केवल पंफ्लेट दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, सीमा पर तैनात जवान भी सुरक्षित नहीं है। उन्हें अब तक मास्क भी उपलब्ध नहीं कराये गए हैं। कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है।
बावजूद इसके प्रशासन इस वायरस से निपटने के लिए गंभीर नहीं है। सैकड़ों की संख्या में धारचूला, झूलाघाट से नेपाली नागरिक भारत में प्रवेश कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन के पास जांच के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक तक नहीं है। धारचूला में 13 डॉक्टरों के पद, सिर्फ तीन ड्यूटी पर : सीएचसी धारचूला में चिकित्सकों के 13 पदों के सापेक्ष 5 कार्यरत है। इनमें भी दो चिकित्सक अवकाश पर हैं। ऐसे में विभाग आयुर्वेदिक चिकित्सक, फार्मासिस्ट से नेपाल से आ रहे लोगों की जांच करवा रहा है। धारचूला, झूलाघाट में कोई संदिग्ध रोगी मिला तो जांच के लिए फिजीशियन तक नहीं है। इन परिस्थितियों में यहां कोरोना वायरस फैल गया तो लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं के हाल किसी से छिपे नहीं है। ऐसे में इस खतरनाक कोरोना वायरस की अनदेखी कहीं लोगों के लिए मुसीबत न बन जाए।
पांच दिनों में नेपाल से 798 लोग भारत पहुंचे
पिथौरागढ़। जनपद में पिछले पांच दिनों में 798 लोग नेपाल से भारत पहुंचे हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने बताया कि बीते सोमवार से धारचूला व झूलाघाट में चिकित्सकों की टीम जांच कर रही है। इस दौरान नेपाल से बढ़ी संख्या में लोग भारत आए है। फिलहाल इन लोगों में अभी तक कोई संदिग्ध नहीं मिला है।
450 मास्क की डिमांड भेजी
पिथौरागढ़। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाने के लिए 450 मास्क की देहरादून डिमांड भेजी है। इनमें 150 मास्क एन 95 व 300 ट्रिपल लियर वाले मास्क शामिल हैं। बताया कि एक-दो दिन में मास्क पहुंचने की उम्मीद है। जल्द सुरक्षा कर्मियों व चिकित्सकों को मॉस्क दिए जाएंगे।