भोपाल
मंदी के दौर से गुजर रहे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को केंद्र सरकार द्वारा खनिज पदार्थों की रायल्टी रिवाइज करने के आदेश से झटका लगा है। केंद्र सरकार ने विभिन्न खनिजों पर वसूली जाने वाली रायल्टी के रेट रिवाइज कर दिए हैं। इसमें आम आदमी के हित से जुड़े चूना पत्थर, रेत और लौह अयस्क भी शामिल हैं जिसमें रायल्टी बढ़ा दी गई है। रायल्टी बढ़ाने का असर यह होगा कि सरकार की आमदनी तो बढ़ेगी पर मार्केट में इन खनिजों से तैयार होने वाली वस्तुओं के दाम बढ़ जाएंगे। ऐसे में मकान, कार्यालय, शापिंग मॉल, अस्पताल, मल्टी स्टोरी, सड़क समेत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अन्य निर्माण कार्यों की लागत बढ़ जाएगी।
भारत सरकार द्वारा रिवाइज की गई खनिज रायल्टी के आदेश 2 सितम्बर को जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक नीलाम खदानों तथा बिना नीलामी आवंटित खदानों के लिए खनिज की औसत कीमत के आधार पर तय रायल्टी दर में 15 फीसदी तक की वृद्धि की गई है। ऐसे खनिज पदार्थों में चूना पत्थर, रेत और लौह अयस्क भी शामिल है जो मध्यप्रदेश में बहुतायत में निकलते हैं। रिवाइज रेट के अनुसार नीलाम आयरन खदानों से तय लौह अयस्क के मूल्य का 13.5 और बिना नीलाम खदानों के लिए मूल्य का 15 प्रतिशत रायल्टी वसूले जाने का नोटिफिकेशन हुआ है। इसके अलग-अलग कम्पोनेंट के लिए 9 प्रतिशत, तीन प्रतिशत भी रायल्टी दरें बढ़ाने के आदेश हुए हैं।
चूना पत्थर की रायल्टी नीलाम खदानों के मामले में एलडी श्रेणी (1.5 प्रतिशत सिलिका अंश से कम) के लिए 81 रुपए प्रति टन और अन्य श्रेणी के लिए 72 रुपए प्रतिटन तथा बिना नीलाम खदानों में एलडी श्रेणी के लिए 90 रुपए प्रतिटन और अन्य श्रेणी के लिए 80 रुपए प्रति टन रायल्टी तय की गई है। ऐसी ही स्थिति रेत भराई के मामले में भी है। इसमें नीलाम खदानों के मामले में मूल्य के आधार पर विक्रय मूल्य की 11 प्रतिशत और बिना नीलाम खदानों के मामले में मूल्य के आधार पर विक्रय मूल्य का 12 प्रतिशत रायल्टी वसूला जाना तय किया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा यूरेनियम, गोल्ड, चांदी, मैंगनीज, ग्रेफाइट समेत अन्य खनिज पदार्थों के रायल्टी रेट भी इस आदेश में रिवाइज हुए हैं पर ये सभी आम आदमी से सीधे नहीं जुड़े हैं पर रेत, लोह अयस्क और चूना पत्थर सीधे रियलिटी सेक्टर से जुड़े हैं। एमपी में चूना पत्थर से सबसे अधिक रायल्टी आती है। इससे ही सीमेंट तैयार होता है जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अहम रोल रखता है। इसी तरह आयरन और रेत भी रियलिटी सेक्टर में सबसे अधिक इस्तेमाल होती है। ऐसे में सरकार का खजाना भले ही भरे पर मंदी से जूझ रहे देश प्रदेश के लोगों की जेब और तेजी से खाली होगी।