रायपुर
केंद्रीय राज्य मंत्री (मछली पालन) प्रताप सारंगी के रायपुर आगमन पर छत्तीसगढ़ मत्स्य महासंघ के पदाधिकारियों ने प्रदेश के गरीब मछुआरों की समस्याओं को दूर करने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुछुआरों के लिए केंद्र की विभिन्न योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये जारी हो रहे हैं, लेकिन उन्हें योजनाओं का सही ढंग से लाभ नहीं मिल पा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने पदाधिकारियों की बातों को गंभीरता से सुनने के बाद उसे दूर करने का आश्वासन दिया।
केंद्रीय राज्यमंत्री (मछली पालन) श्री सारंगी शनिवार को रायपुर प्रवास पर आए थे। इस दौरान संनिर्माण कर्मकार मंडल के पूर्व अध्यक्ष मोहन एंटीट, छत्तीसगढ़ मत्स्य महासंघ अध्यक्ष-रामकृष्ण धीवर व अन्य पदाधिकारियों ने उनसे मिलकर अपनी समस्याएं बताईं। उन्होंने मांग की कि गंगरेल जलाशय के टेंडर को संपूर्ण रूप से निरस्त किया जाए। वहीं मछुआ नीति को संशोधित करते हुए पूर्व की भांति मत्स्य सहकारी समितियों को मत्स्य आखेट के लिए 10 वर्ष के लिए लीज पर दी जाए। छत्तीसगढ़ मत्स्य महासंघ द्वारा संचालित 13 डेमो टेंडर को निरस्त कर स्थानीय मछुआरों, मत्स्य सहकारी समितियों को रॉयल्टी तय कर लीज पर दी जाए। राष्ट्रीय मत्स्य जीवी सहकारी संघ मर्यादित नई दिल्ली फीस कोफेड में सदस्य के रूप में रामकृष्ण धीवर को लिया जाए।
इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा नील क्रांति योजना के तहत मत्स्य बीज संवर्धन केंद्र का निर्माण, स्वयं की भूमि पर तालाब निर्माण, तालाबों में इनपुट हेतु सहायता, फीड मिल की स्थापना, मत्स्य बीज मत्स्य बीज हैचरी की स्थापना, तालाबों में एरियेटर की स्थापना, बर्फ संयंत्र की स्थापना, आॅटो रिक्शा के साथ आइस बॉक्स, फुटकर मत्स्य विक्रय दुकान स्थापना, दुर्घटना बीमा, बचत सह राहत योजना, मछुआ आवास योजना समेत सभी योजनाओं का लाभ दिलाया जाए।