मध्य प्रदेश

कृषि ऋण माफी: सड़क पर उतरने के अपने बयान पर कायम हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया

भोपाल
मध्य प्रदेश में दो लाख रुपए तक के कृषि ऋण माफी (Farm Loan Waiver) पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) में खींचतान बढ़ती जा रही है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा है कि वे सड़क पर अपने उतरने वाले बयान पर डटे हैं. रविवार देर रात ग्वालियर आए सिंधिया ने कहा कि, ‘मैं जनसेवक हूं, जनता के मुद्दों के लिए लड़ाई लड़ना मेरा धर्म है. हम लोगों को सब्र रखना है, एक साल हुआ है, जिन मुद्दों को वचन पत्र में लिखा है उन्हें पूरा करना ही होगा. अगर ऐसा नहीं होगा तो हमें सड़क पर उतरना ही होगा.’

गौरतलब है कि सिंधिया के बयान पर सीएम कमलनाथ ने कहा था कि सिंधिया चाहे तो सड़क पर उतर जाएं. तो वहीं मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा था कि जनता ने हमें कुर्सी पर बैठाया है. सड़क पर उतरने का काम BJP का है. सिंधिया के बयान को दोहराने के बाद एमपी कांग्रेस में फिर से सियासत गरमा गई है.
 
दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जारी शब्द युद्ध के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए दोनों नेताओं के इस हफ्ते मुलाकात करने की संभावना है. कांग्रेस महासचिव तथा पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि दोनों नेता सत्ता में आने से पहले मध्य प्रदेश की जनता से पार्टी द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए मुलाकात करेंगे.

बावरिया ने बताया कि, ‘कमलनाथ एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया इस हफ्ते मुलाकात करेंगे और लंबित मुद्दों पर काम करेंगे तथा मध्य प्रदेश के विभिन्न वर्गों के लोगों की चिंताओं और मांगों का समाधान खोजेंगे.’ दोनों नेताओं के बीच किसी प्रकार के मतभेद की खबरों को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी नेता जन कल्याण के लिए काम कर रहे हैं और मध्य प्रदेश में सुशासन उपलब्ध करा रहे हैं.

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