छत्तीसगढ़

किसानों पर फसल बीमा के लिए जोर जबरदस्ती नहीं : खाद्य मंत्री

रायपुर
 फसल बीमा के लिए प्रदेश के किसानों पर कोई जोर-जबरदस्ती नहीं है। बीमा क्षतिपूर्ति के लिए कराया जाता है। अब किसानों को सोचना है, उन्हें बीमा कराना है या नहीं? मौजूदा सरकार में दो-पांच सौ स्र्पये की लूट नहीं चलेगी। मतलब, किसानों से मोटी रकम लेकर उन्हें क्षतिपूर्ति के रूप में महज 50-100 स्र्पये दिया जाए। यह कहना है कि खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का। उन्होंने कहा कि बीमा के लिए दरवाजा खुला रखा गया है।

राजीव भवन में मीडिया से चर्चा में खाद्य एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार किसानों, गरीबों, मजदूरों का हित सोचने वाली सरकार है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की तरह बीमा कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों से लूट नहीं करेगी। खाद्य मंत्री ने राजीव भवन में दरबार लगाकर पार्टी कार्यकर्ताओं और आमजनों की समस्याएं भी सुनी।

उन्होंने बताया कि आवेदनों की संख्या कम हुई है, लेकिन विषय बदल गया है। अब धान खरीदी का समय आ रहा है, तो ज्यादातर आवेदन धान खरीद केंद्र शुरू करने के लिए आए। सभी केंद्रों को स्वीकृति दे दी गई है। इसके अलावा सांस्कृतिक कलाकारों ने भी आवेदन दिया है, ताकि उन्हें दिवाली और गोठान दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों में काम मिल सके।

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