भोपाल
ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा है कि किसानों को खेती के लिए लगातार 12 घण्टे बिजली देने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विरासत में मिली खस्ताहाल विद्युत कंपनियों पर कुल रूपये 37 हजार 963 करोड़ ऋण था। साथ ही, कम्पनियों का संचयी घाटा बढ़कर लगभग 44 हजार 975 करोड़ हो गया था। इस कारण नई सरकार के सामने कई चनौतियाँ थीं। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए सरकार द्वारा पिछले एक साल में प्रदेशवासियों को निर्बाध बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। सरकार ने सत्ता संभालते ही इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं को सस्ती और निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने के लिए जनहित में कई निर्णय लिये हैं। मात्र एक साल में ही अब 90 प्रतिशत से अधिक उपभोक्ताओं को सरकार ने जनहितैषी निर्णय का फायदा मिलने लगा है।
ऊर्जा मंत्री सिंह ने कहा है कि बिजली की दर बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने बताया कि मार्च 2020 तक मीटरीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
इंदिरा गृह ज्योति योजना
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू की गई है। इसे अगस्त माह में संबल योजना से असम्बद्ध करते हुए सभी घरेलू उपभोक्ताओं, जिनकी 30 दिन की मासिक खपत 150 यूनिट से कम है, को 100 यूनिट की खपत का 100 रूपये बिल दिया जा रहा है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के घरेलू उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक की मासिक खपत के लिए मात्र 25 रूपये की राशि देय होगी। उन्होंने बताया कि चार माह में एक बार 100 रूपये लिए जाने की व्यवस्था भी की गई है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस योजना में अभी तक एक करोड़ 86 हजार (92 प्रतिशत) से अधिक उपभोक्ताओं को लाभ मिला है। योजना में प्रतिवर्ष लगभग 3400 करोड़ रूपये की सब्सिडी शासन द्वारा दी जा रही है।
ऊर्जा मंत्री ने विगत 7 दिसम्बर को कतिपय लोगों द्वारा सागर में एक वृद्ध महिला के गले में बिजली बिल की माला डालकर बिल अधिक आने के संबंध में निरर्थक प्रचार की निंदा की। उन्होंने बताया कि उस महिला का वास्तव में कुल बिल 96 रूपये का ही आया था।
प्रियव्रत सिंह ने बताया राज्य सरकार ने किसानों का बिजली बिल आधा किये जाने नियत समय में पूरा किया है। इसी के साथ, दस हार्स पॉवर तक के कृषि पंप उपभोक्ताओं की विद्युत दरों को आधा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में जो 1400 रूपये प्रति हार्स पॉवर, प्रतिवर्ष कृषि पंपों की विद्युत दर निर्धारित थी, उसे एकदम आधा करके राज्य सरकार ने 700 रूपये प्रति हार्स पॉवर कर दिया है। इससे 19 लाख 91 हजार किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना में प्रति किसान लगभग 47 हजार करोड़ रूपये प्रति वर्ष सब्सिडी दी जा रही है। प्रियव्रत सिंह ने कहा कि इतना ही नहीं, हमने स्थायी कृषि पंप कनेक्शन के अतिरिक्त अस्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं की विद्युत दर पूर्व की सरकार की तुलना में बहुत कम कर दी है। साथ ही एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को 5 हार्स पॉवर तक के कृषि पंप कनेक्शनों के लिये नि:शुल्क बिजली दी जा रही है, जिसके एवज में राज्य सरकार बिजली कंपनियों को 3800 करोड़ रूपये वार्षिक सब्सिडी देगी।
ऊर्जा मंत्री ने कहा िक किसानों को भरपूर बिजली देने के लिए राज्य शासन द्वारा सप्लाई प्लान के अनुसार कृषि फीडरों को दो समय सारणी में 6 घंटे, 4 घंटे एवं 10 घंटे निरंतर विद्युत प्रदाय करने के आदेश दिये गये हैं। वर्तमान में सभी जिलों के प्रभारी मंत्री को लागू प्लॉन में परिवर्तन किये जाने संबंधी अधिकार दिये गये हैं।
मंत्री सिंह ने कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं के गलत देयकों से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए हर जिले में विद्युत वितरण केंद्रवार समिति का गठन किया गया है। प्रदेश में कुल 1210 समितियाँ गठित की गई हैं, जिनकी बैठक के लिए हर माह में दिन नियत किये गये हैं। समिति गठन के बाद 49 हजार से अधिक गलत देयकों से संबंधित शिकायतों का निराकरण किया गया है। उन्होंने बताया कि विद्युत प्रदाय की शिकायतों के निराकरण के लिए डायल 100 सेवा की तर्ज पर जबलपुर, भोपाल और इंदौर में स्थापित केन्द्रीयकृत कॉल सेंटर सेवा में कार्यरत डेस्क की संख्या बढाकर सेवा को सुदृढ़ बनाया गया है। शिकायतों के निराकरण के बाद फीडबैक व्यवस्था भी प्रारंभ की गई है। सिंह ने जानकारी दी कि प्रतिदिन 500 से अधिक शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर उनकी संतुष्टि की जाँच की जाती है। अगस्त, 2019 से अब तक एक लाख 61 हजार 985 उपभोक्ताओं से फीडबैक लिया गया, जिनका संतुष्टि प्रतिशत 92 से अधिक रहा है। सेवा द्वारा उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने का प्रयास अनवरत जारी है।