छत्तीसगढ़

किसानों को खेती किसानी के लिए मौसमी सलाह

रायपुर 
संचालनालय कृषि एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर की कृषि मौसम सलाह सेवाओं ने प्रदेश के किसानों को मौसम आधारित खेती-किसानी की सलाह दी हैं कि राज्य में इस रबी मौसम में अनाज, दलहनी और तिलहनी फसलों की लगभग 33 प्रतिशत से ज्यादा फसलों की बोआई हो चुकी है। मौसम आधारित कृषि सलाह के तहत सामान्य फसलों में गेहूँ की  फसल यदि 21 दिन की अवस्था में है तो प्रथम सिंचाई आवश्यक रूप से करें। गेहूं की विलंब बुवाई की दशा में बीज की मात्रा अनुसंशित मात्रा से 20-25 किलोग्राम प्रति हेक्टर की दर से बढ़ा दें। हमेशा प्रस्तावित किस्मों के प्रमाणित बीजों को बीजोपचार पश्चात् बुआई करें। समय पर बोई गई चने की फसल में 35-40 दिन बाद खुटाई अवश्य करें। इसी तरह से सब्जियों की फसलों में पिछले माह रोपण की गई सब्जियों की गुडाई कर नत्रजन उर्वरक प्रदाय करें। प्याज की तैयार पौध का रोपण करना चाहिए।

प्याज के शीर्ष की एक तिहाई पत्तियों को काटकर ही रोपण करना चाहिए। कद्दूवर्गीय सब्जियों की अगेती फसल के लिए पालीथीन में पौध तैयार करें। अधिक ठण्ड की अवस्था में भिंडी में पीतशिरा रोग की समस्या आती हैं अतरू दैहिक कीटनाशी का छिड़काव करना आवश्यक हैं। मटर में पाउडरी मिल्डू की समस्या होने पर ताम्रयुक्त फफूदनाशी का छिड़काव करें। फल की फसलों में आम के उद्यान में जमीन से लगी शाखाओं एवं रोग बाधित शाखाओं की कटाई-छटाई का सही समय हैं। अनार, फालसा, आंवला व बेर के फलों में कीट नियंत्रण हेतु आवश्यक कीटनाशक दवा का छिडकाव करें। किसानों की अपने पशुओं की सुरक्षा की सलाह दी गई है कि पशुपालक दुधारू पशुओं को भरपूर पानी पिलायें अत्यधिक ठंडा पानी पीने न दें। मवेशियों को 25-30 ग्राम मिनरल मिक्सचर प्रतिदिन चारे के साथ मिलाकर अवश्य खिलायें। पशु बाड़े एवं मुर्गियों के घर में यदि खिड़कियाँ न लगी हो तो ठंडी हवा से बचाव के लिये बोरे लटकायें।

>

About the author

info@jansamparklife.in

Leave a Comment