खाद की मौजूदा कीमत 19,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन से घटकर अब 17,500 प्रति मीट्रिक टन हो जाएगी
नई दिल्ली. देश भर में छाए कोरोना संकट के मद्दे नजर केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न वर्गों के लिए लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार का उद्देश इन पैकेजों के माध्यम से सभी वर्गों का जीवन स्तर ऊंचा उठाना है। इसके तहत किसनों, नौकरी पेशा उद्योग, निर्माण कार्य आदि के लिए लगातार पहल की जा रही है।
हाल ही मेें केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के कारण प्रभावित होने वाले सेक्टरों के लिए राहत राशि देने की घोषणा की है। इसके तहत किसानों को राहत देने के लिए उर्वरक में सब्सिडी देकर किसानों के लिए राहत दी है। इससे कम मूल्य में उर्वरक की खरीदी कर किसान अपना जीवन संवार सकेंगे।
इंडिया पोटाश लिमिटेड ने पोटाश म्यूरिएट की कीमत में 75 रुपये प्रति बैग की कमी कर दी है। घटी हुई कीमत सोमवार, 18 मई से लागू होगी। इस खाद की मौजूदा कीमत 19,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन से घटकर अब 17,500 प्रति मीट्रिक टन हो जाएगी। पोटाश म्यूरिएट, जिसे पोटेशियम क्लोराइड के रूप में भी जाना जाता है।
यह पौधे के विकास और क्वालिटी के लिए जरूरी होता है। यह प्रोटीन और शुगर के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही नहीं पौधों में नमी को बनाए रखने में मदद करता है, जिसकी वजह से पौधे सूखने से बच जाते हैं। इससे पत्तियों को उनका सही आकार मिलता है।
किसानों के हित में घटाई गई कीमत
कंपनी ने कहा है कि किसानों के हित के लिए यह कटौती पिछले एक साल में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के काफी कमजोर होने और एमओपी पर सरकार की सब्सिडी में 604 रुपये प्रति एमटी के कमी के बावजूद की गई है। सब्सिडी में कमी एक अप्रेल, 2020 से प्रभावी हो गई है।
आईपीएल के एमडी डॉ. पीएस गहलोत ने कहा कि हम मानते हैं कि इस कदम से उर्वरकों का संतुलित उपयोग होगा, जो भारत सरकार द्वारा किसानों को उर्वरकों पर लागत कम करने और कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लक्ष्य की पूर्ति करने का एकमात्र तरीका है।
कंपनी हमेशा उर्वरकों के वैज्ञानिक और विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने के पक्ष में है। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने समय की जरूरत को ध्यान में रखते हुए किसानों की सहायता के लिए उठाए गए इस बड़े कदम के लिए डॉ. गहलोत को बधाई दी।