किशनगंज में 29 दिसंबर को जीतन राम मांझी और असदुद्दीन ओवैसी की CAA और NRC के ख़िलाफ रैली

पटना    
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टार ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) को लेकर बिहार की विपक्ष की पार्टियां लगातार विरोध कर रही हैं। महागठबंधन में शामिल बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी CAA और NRC के मुद्दे को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी दोनों एक साथ एक मंच पर दिखेंगे। हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी और असदुद्दीन ओवैसी दोनों किशनगंज में एक मंच पर एक साथ कार्यक्रम करने जा रहे हैं। हम पार्टी के प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने बताया कि 29 दिसंबर को किशनगंज में दोनों नेता सभा को संबोधित करेंगे।

 केंद्रीय विधि व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि एनआरसी का अब तक न तो ड्राफ्ट बना है और न ही इसका कोई स्वरूप। फिर इस मसले पर देश में क्यों बवाल हो रहा है। जहां तक नागरिकता संशोधन कानून- सीएए का सवाल है, इससे देश के मुसलमान सहित किसी भी समुदाय के नागरिकों पर लागू नहीं है। देश में रह रहे लोगों को इससे कोई खतरा नहीं है। इसलिए विरोध के नाम पर जो प्रायोजित हिंसा हो रही है, सरकार उससे सख्ती से निबटेगी।

 नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर दल के निर्णय की मुखालाफत कर सुर्खियां बटोरने वाले जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने एकबार फिर खुलेआम सीएए और एनआरसी को लेकर अपनी राय जाहिर की है। साथ ही इन्हें लागू होने से रोकने की अपील भी की है। उन्होंने ट्वीट कर इन दोनों को रोकने के उपाय बताए हैं। प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में सीएए और एनआरसी को लागू होने से रोकने के दो प्रभावी तरीके बताए हैं। कहा है कि सभी प्लेटफार्म पर अपनी आवाज उठाकर शांतिपूर्वक विरोध जारी रखें और सुनिश्चित करें कि सभी 16 गैर बीजेपी सीएम अपने राज्यों में एनआरसी को नकार दें। बाकी सबकुछ महत्वपूर्ण है क्योंकि वे हद तक टोकन हैं। 

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