मुंबई
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंदी को लेकर अजीबोगरीब तर्क दिया है. उन्होंने आर्थिक मंदी को फिल्मों की कमाई से जोड़ दिया है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन-तीन फिल्में करोड़ों का कारोबार कर रही हैं, तो फिर देश में मंदी कहां है. उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 3 फिल्मों ने 120 करोड़ रुपये की कमाई की.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश में मोबाइल, मेट्रो और सड़कें बन रही हैं, जिससे लोगों को रोजगार मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था का आधारभूत ढांचा मजबूत है और महंगाई दर नियंत्रण में हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि एफडीआई सबसे ऊंचे स्तर पर है.
प्रसाद ने कहा कि जीडीपी की विकास दर बरकरार है. देश में मोबाइल मैनुफैक्चरिंग की 268 फैक्ट्रियां हैं. मेट्रो का निर्माण हो रहा है. रोड बन रहा है. उन्होंने कहा कि लोगों के पास नौकरी है. प्रसाद ने एनएसएसओ की ओर से नौकरी को लेकर जारी किए गए आंकड़ों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि देश में मंदी नहीं है.
केंद्रीय मंत्री ने अपने दावे के समर्थन में ईपीएफ के आंकड़े बताए और किसानों की आत्महत्या के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि हम कारणों की पहचान कर रहे हैं. मरहम लगा रहे हैं. उन्होंने शिवसेना के घोषणा पत्र पर कुछ भी बोलने से इनकार किया.
प्रसाद से पहले नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दौरान मंदी को सिरे से नकार दिया था. कुमार ने इसके पीछे ऑटो कंपनियों के मुनाफा कमाने का तर्क देते हुए कहा था कि उनकी बिक्री क्यों गिर रही है, यह उन्हें ही सोचना होगा. कुमार ने कहा था कि इतनी पुरानी और इतना मुनाफा कमाने वाली इंडस्ट्री की किसी भी कंपनी को बिक्री में गिरावट रोकने के उपाय करने में सक्षम होना चाहिए.
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी मंदी की बात स्वीकार करते हुए कहा था कि इस वैश्विक मंदी का सर्वाधिक असर भारत पर पड़ेगा. हाल ही में जारी किए गए अगस्त माह के आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन दर में 1.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.