कांसे के बर्तन में खाना बनना और खाने से होते है बेमिसाल फायदे

टेक्‍नोलॉजी के इस युग में हमारी खानपान की आदतों में खूब बदलाव आया है। प्‍लास्टिक धीरे-धीरे अब हर किसी के जीवन का एक ह‍िस्‍सा बनता जा रहा है। जहां हम पुराने जमाने में अलग-अलग धातु के बर्तन में खाया करते थे। वहीं अब हम प्‍लास्टिक के बर्तनों तक सिमट गए हैं। प्‍लास्टिक के बर्तनों के ज्‍यादा इस्‍तेमाल से कैंसर, हार्ट स्‍टोक, ब्‍लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी समस्‍याएं होने का ज्‍यादा डर रहता है। ऐसी खतरनाक बीमार‍ियों से दूरी बनाने के ल‍िए बेहतर है क‍ि आप भी बड़े-बुजुर्गों की तरह धातु के बर्तनों में खाना शुरु करें।

प्राचीनकाल से लोग ज्‍यादात्तर कांसे के बर्तन का इस्‍तेमाल करते आ रहे हैं। कांस्य तांबे और टिन का अच्छा स्रोत है और पीतल तांबा और जस्ता का अच्छा स्रोत है। इसमें खाना खाने से बालों और आंखों के स्वास्थ्य में सुधार शामिल हैं। कांस्‍य का आयुर्वेद के प्रमुख ग्रंथों चरक संह‍िता, सुश्रुत संह‍िता एवं अष्‍टांग हद्ध्य में बर्तन, और रस शास्‍त्र में कई जगह उल्‍लेख मिलता है।

बुद्धि तेज होती है
कांसे में खाने खाने से बुद्धि तेज होती है। इसके एक या दो नहीं बल्कि कई फायदे होते हैं। साथ ही साथ भूख को भी बढ़ाता है। इसमें खाने से खून साफ होता है और भूख भी बढ़ती है।

तनाव को करें दूर
कांसे में मौजूद अलग स्‍वास्‍थय लाभ के ल‍िए आयुर्वेद विशेषज्ञ इसी धातु के बर्तन में खाने की सलाह देते हैं क्‍योंकि इसमें शुद्धिकरण से जुड़े गुण मौजूद होते हैं। ये आपको निरोगी बनाने के साथ तनाव को दूर रखता हैं और इम्‍यून‍िटी बनाएं रखता हैं।

पुराने बर्तन में खाने से बचें
पुराने पीतल के बर्तनों का उपयोग करने से बचें क्योंकि इसमें सीसा या आर्सेनिक जैसे तत्व हो सकते हैं जो जहरीले होते हैं और लंबे समय में आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।

खट्टी चीजें न खाएं कांसे में
खट्टे फल, टमाटर या कांस्य बर्तनों में सिरका युक्त भोजन जैसे खट्टे पदार्थों का सेवन या सेवन न करें। उनमें घी या स्पष्ट मक्खन का उपयोग करने से बचें क्योंकि यह विभिन्न प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकता है जो आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होगा। इसके अलावा, यह सलाह दी जाती है कि भोजन को लंबे समय तक कांसे के बर्तनों में न रखें।

 

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