मध्य प्रदेश

कांग्रेस में गुटबाजी फिर आई सामने, सिंधिया के बयान पर भड़के CM कमलनाथ

भोपाल
कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच अबतक दूरियां कम नही हो पाई है।इसका ताजा उदाहरण दिल्ली में कांग्रेस समन्वय की बैठक में देखने को मिला। जहां सिंधिया मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास में हो रही बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए हैं, हालांकि इस दौरान सिंधिया ने कुछ कहा नहीं। लेकिन भरी बैठक से सिंधिया के यूं चले जाने से सियासी गलियारों में सरगर्मियां बढ़ गई है। इस घटनाक्रम के कई सियासी मायने निकाले जा रहे है।

दरअसल, आज दिल्ली में कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक बुलाई गई थी। इसमें कांग्रेस सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल , निगम मंडल नियुक्ति, नए पीसीसी चीफ और संगठन में तालमेल को लेकर चर्चा होनी थी ।मुख्यमंत्री कमलनाथ के दिल्ली आवास पर आयोजित इस बैठक में एमपी के प्रभारी दीपक बाबरिया , दिग्विजय सिंह और ज्योतीरादित्य सिंधिया समेत कई दिग्गज नेता भी शामिल होने पहुंचे थे।सुत्रो की माने तो सिंधिया बैठक खत्म होने से पहले ही मुख्यमंत्री आवास से निकल गए और कुछ उखड़े उखड़े नजर आए।सिंधिया ने इस दौरान कुछ कहा नहीं। लेकिन सिंधिया के बैठक को बीच में छोड़कर जाने के बाद एक बार फिर से सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।

सुत्रों की माने तो मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार शाम को दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सिंधिया की तरफ से राज्य सरकार पर किए गए हमले को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। सोनिया से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष को बताया है कि सरकार घोषणापत्र के वादों को पूरा करने के लिए कितनी सक्षम है।पंचायत चुनाव और नगर पालिका चुनाव की तैयारियों और संगठन के मुद्दों को लेकर बातचीत हुई। वहीं सिंधिया के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वचन पत्र पांच साल के लिए होता है, पांच महीने के लिए नहीं।

गौरतलब है कि कोई बड़ा पद या जिम्मेदारी ना देने के चलते सिंधिया लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे है। बीते कई दिनों से अपनी ही सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे है। पहले उन्होंने कर्जमाफी को लेकर सवाल उठाया था और अब अतिथि शिक्षकों समेत प्रदेश की जनता से किए गए वादों को पूरा ना करने पर सड़क पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी दी है।इतना ही नही बीते दिनों सिंधिया का भोपाल का दौरा और सत्तापक्ष-विपक्ष के नेताओं से मुलाकात का दौर भी चर्चाओं में रहा है। इससे पहले ट्वीटर स्टेटस बदलने को लेकर भोपाल से दिल्ली तक हड़कंप मच गया था। अब सिंधिया का कांग्रेस समिति की बैठक से यूं उठकर चले जाना सियासी गलियारों में सरगर्मियां बढ़ाए हुए है।

 

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