नई दिल्ली
महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव नतीजों ने तस्वीर लगभग स्पष्ट कर दी है. महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है, जबकि हरियाणा में वह जादुई नंबर से दूर रह गई है. चुनावी नतीजों पर मंथन के लिए बीजेपी ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है.
इन सबके बीच हरियाणा में अगर सबसे ज्यादा किसी की चर्चा है तो वह दुष्यंत चौटाला और उनकी पार्टी जेजेपी की है. ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि जेजेपी हरियाणा में सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देगी. हालांकि, इससे पहले यह खबर आई थी कि जेजेपी ने कांग्रेस को समर्थन देने के लिए मुख्यमंत्री पद की शर्त रखी है.
लेकिन कांग्रेस के पास अभी भी एक विकल्प है कि अगर वह जेजेपी के साथ मिलकर कर्नाटक मॉडल पर अमल करती है तो हरियाणा में वह सरकार बना सकती है. लेकिन इसके लिए उसे मुख्यमंत्री पद दुष्यंत चौटाला को देना होगा.
क्या है कर्नाटक मॉडल?
कर्नाटक में कुछ ऐसा ही हुआ था, जब बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर एचडी कुमारस्वामी को सीएम बना दिया था.
कर्नाटक में बीजेपी बहुमत से चंद सीटें दूर थी, लेकिन कांग्रेस ने 37 सीटों वाली जेडीएस को समर्थन करते हुए कुमारस्वामी को सीएम बना दिया गया था.
हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की पार्टी JJP किंग मेकर की भूमिका में आ गई है. यह अलग बात है कि JJP के साथ मिलकर बीजेपी सरकार बना सकती है लेकिन कांग्रेस के पास भी ये विकल्प है जिससे वह बीजेपी को सत्ता से दूर रख सकती है.
आलाकमान ने हुड्डा को दिया फ्री हैंड
अभी तक के आए रुझानों को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा से फोन पर बात की है और उन्हें हरियाणा में पूरा फ्री हैंड दिया है. सरकार बनाने के लिए हुड्डा कोई भी फैसला अपने दम पर ले सकते हैं. साथ ही अगर सरकार नहीं बनती है, तो दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री बनाना है या नहीं इसपर भी हुड्डा से विचार करने को कहा गया है.
हरियाणा में बीजेपी 40 सीट और कांग्रेस 30 सीटों पर आगे है. हरियाणा में अभी सस्पेंस बरकरार है. हालांकि, जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक बीजेपी यहां जेजेपी के समर्थन से सरकार बना सकती है.
उधर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं. खट्टर ने हरियाणा के राज्यपाल सत्यव्रत नारायण आर्य से शाम 6 बजे मिलने का वक्त मांगा है.