कोच्चि
केरल में करॉना वायरस के तीन मामलों की पुष्टि के बाद विजयन सरकार ने इसे राजकीय आपदा घोषित कर दिया है। सरकार ने इस खतरे से निपटने के लिए अब धर्म स्थलों और धार्मिक नेताओं से मदद लेगी। केरल की स्वास्थ्य मंत्री के. के. सैलजा ने बुधवार को कहा कि सरकार इनकी मदद से लोगों को जागरूक करना चाहती है।
के. के. सैलजा ने इस प्लान के बारे में बताते हुए कहा, 'ऐहतियात के तौर पर हम लोग धार्मिक नेताओं से अपील करने जा रहे हैं कि वे चर्च, मस्जिद और मंदिरों में स्वास्थ्य संबंधी गाइडलाइन्स को पढ़ें।' सरकार इन धार्मिक स्थलों के जरिए लोगों को करॉना वायरस से बचने के उपाय बताएगी। देश में करॉना के सबसे अधिक संदिग्ध मरीज केरल में ही हैं। तीन लोगों में तो इसकी पुष्टि भी हो चुकी है।
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देशभर में निगरानी में 5 हजार लोग
करॉना वायरस का संक्रमण देश में न फैल सके, इसके लिए 5 हजार से अधिक लोगों को उनके घर के भीतर अन्य लोगों से अलग निगरानी में रखा गया है। ये वह लोग हैं, जिन्होंने 15 जनवरी या उसके बाद चीन की यात्रा की या इस दौरान चीन की यात्रा करने वाले लोगों के संपर्क में थे। स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव प्रीति सूदन ने बताया, 'कोरोना वायरस की जांच के लिए कुल 741 नमूने लिए गए। इन नमूनों की जांच में 738 नमूने निगेटिव पाए गए हैं। तीन नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं। कोरोना वायरस से ग्रस्ति तीनों रोगी चीन से लौटे हैं और फिलहाल केरल में है। अभी तक 5123 व्यक्तियों को देशभर में घर के अंदर ही निगरानी में रखा गया है।'
केंद्र ने राज्यों से कहा, लोगों को करें जागरूक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश की विभिन्न राज्य सरकारों से कहा है कि वह करॉना वायरस को लेकर अपने अपने राज्यों में जागरूकता अभियान चलाए। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने कहा कि जिन राज्यों में हवाईअड्डे और बंदरगाह नहीं हैं, ऐसे राज्यों में टोल प्लाजा, बसअड्डों और रेलवे स्टेशनों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों को सभी प्रशासनिक इकाइयों में निगरानी और सतर्कता कार्य करने को कहा गया है। हरियाणा के हिसार, सिरसा समेत कई स्थानों पर टोल प्लाजा, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर विशेषज्ञों ने यात्रियों को करॉना वायरस के प्रति जागरूक बनाने का काम शुरू कर दिया है।