इस्लामाबाद
वैश्विक स्तर पर खराब छवि के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए करतापुर गलियारा खुद को एक उदार राष्ट्र के तौर पर पेश करने का बड़ा मौका है। इतना ही नहीं घरेलू मोर्चे पर उसकी माली हालत भी बदहाल है और उसे इस गलियारे से आने वाले तीर्थयात्रियों से सालभर में अच्छी आय की उम्मीद है। जानकारों का ऐसा मानना है।
सत्ता में आने से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अक्सर पूर्ववर्ती सरकारों को देश में मौजूद पर्यटन की अपार संभावनाओं का लाभ उठाने में असमर्थ रहने पर कोसते रहे हैं। इन पर्यटन स्थलों में कई धार्मिक स्थल भी हैं जो दुनियाभर से पर्यटकों को देश में ला सकते हैं।
जानकार सूत्रों के अनुसार पिछले साल सत्ता संभालने के बाद उनकी सरकार ने सबसे पहले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करने के कदम उठाए। अप्रैल में सरकार के एक पर्यटन सम्मेलन में खान ने कहा था कि खुदा ने देश को अलग-अलग तरह की भौगोलिक सुंदरता से नवाजा है।
खान ने कहा, ''हमें देश की सुंदरता के बारे में पर्यटकों के बीच जागरुकता लाने की जरूरत है।" उन्होंने सिख, बौद्ध और हिंदू संप्रदाय से जुड़े तीर्थस्थलों की पर्यटन संभावनाओं पर विशेष जोर दिया। पिछले साल नवंबर में उन्होंने करतारपुर गलियारे पर काम शुरू करने का भूमि पूजन किया था। इस पर निर्माण कार्य तय समय में पूरा किया जा चुका है।