मध्य प्रदेश

कमलनाथ सरकार राज्य में लागू कर रही ‘पानी का अधिकार’ कानून, मिलेगा ये फायदा

भोपाल
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जल्द ही 'राइट टू वॉटर' यानि पानी का अधिकार कानून लागू होने जा रहा है. पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे (Sukhdev Panse) ने अपने रिपोर्ट कार्ड में कहा कि इस कानून के तहत प्रदेश में पर्याप्त पीने योग्य पानी हर घर तक पहुंचाया जाएगा. पानी के अधिकार कानून के लिए एक हजार करोड़ का बजट तैयार किया गया है. पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने शिवराज सरकार पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि बीते 15 सालों में शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh Chouhan) की सरकार मात्र 12 फीसदी नज-जल कनेक्शन की लगवा पाई है.

पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने बताया कि मध्य प्रदेश में बेहतर पेयजल योजनाओं की प्लानिंग के लिए आईआईटी संस्थान दिल्ली से अनुबंध किया गया है. नीमच-मंदसौर और रतलाम जिले के आलोट विकासखंड के 1735 गांवों में जलापूर्ति के लिए खाका तैयार किया गया है. जायका से बात बात चल रही है, जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे.

पांसे ने कहा कि 6672 करोड़ की लागत से 39 योजनाओं पर काम चल रहा है. आने वाले दो सालों में पूरे प्रदेश भर में पेयजल की आपूर्ति की जाएगी. 14510 गांवों की 45 समूह जल प्रदाय योजनाओं से पूरे प्रदेश को फायदा पहुंचेगा. हर व्यक्ति को प्रतिदिन 55 लीटर पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा. पुरानी नीति में भी बदलाव किया गया है, अब 500 की जगह 300 मीटर के दायरे में हैंडपंप को लगाया जा सकेगा.

पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने योजनाओं में मदद ना करने पर केंद्र सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया. पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि केंद्र सरकार का जलशक्ति मंत्रालय शक्ति विहीन मंत्रालय है. इस मंत्रालय ने 5 सालों में हर घर में नल कलेक्शन देने की बात तो कही है लेकिन अब तक ना तो गाइडलाइन बनाई गई है और ना ही अब तक राशि की व्यवस्था ही की गई है.

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