इंदौर
दिल्ली के गाजीपुर में कचरे के पहाड़ को खत्म करने में ही नहीं, अब पूर्वी दिल्ली में सफाई के लिए भी इंदौर मॉडल पर ही काम होगा। यह बात वहां के सांसद गौतम गंभीर ने निगमायुक्त आशीष सिंह से बातचीत में कही। सिंह से उन्होंने शहर के कचरा प्रबंधन को समझा और फिर कहा कि हमारे अफसरों की एक टीम इंदौर स्टडी करने आएगी और फिर उसी तर्ज पर पूर्वी दिल्ली में भी काम करेंगे।
दरअसल, गंभीर के संसदीय क्षेत्र में गाजीपुर कचरा पहाड़ उनके लिए सिरदर्द बना हुआ है। चुनाव में गंभीर ने लोगों से वादा किया था कि वे जीतने के बाद सबसे पहले इस ट्रेंचिंग ग्राउंड को खत्म करेंगे। उनकी जानकारी में देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड का मामला आया तो उन्होंने निगमायुक्त सिंह को मुलाकात के लिए आमंत्रित किया। सोमवार को दिल्ली में सिंह ने उनके साथ इंदौर की सक्सेस स्टोरी साझा की। उन्होंने बताया कि देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड में 13.5 लाख मैट्रिक टन कचरे का पहाड़ था, जिसे निगम ने बायोरेमिडाइजेशन पद्धति और बायो कल्चर की मदद से खत्म किया।
इसके साथ ही सूखे कचरे को प्रोसेस करने के लिए ऑटोमैटिक प्लांट लगाया। इससे नगर निगम की कमाई भी हो रही है। उन्होंने कहा गाजीपुर का कचरा इंदौर के मुकाबले चार गुना बढ़ा है, इसलिए इसे प्रोसेस करने में दो साल लगेंगे। गंभीर ने इस पर सहमति जताई और कहा कि वे सिर्फ ट्रेंचिंग ग्राउंड ही नहीं, पूर्वी दिल्ली में सफाई का पूरा सिस्टम नए सिरे से तैयार करना चाहते हैं और इसमें इंदौर निगम की मदद लगेगी। सिंह ने पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया।