छिंदवाड़ा
जिला मुख्यालय के विपणन संघ कार्यालय में मंगलवार को काफी देर तक हंगामा होता रहा। हंगामा आसपास के गांवों से आए किसान करते रहे। वे सहकारी समितियों में यूरिया न मिलने के विरोध में यहां आए थे। उनका कहना है कि वे चार पांच दिन से भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही। किसान विपणन संघ में खाद का प्रभार देख रहे कर्मचारी के पास जाकर भी खूब गुस्सा जताते रहे। समाचार मिलने पर कुछ जनप्रतिनिधि भी वहां पहुंच गए और किसानों की बात सुनकर विभाग के कर्मचारी से बात की।
चारगांव से आए किसान दीपक यादव ने बताया कि उसका तेरह एकड़ खेत है। उसे कम से कम दस बोरी खाद और चाहिए। चार दिन से भटक रहे हैं, लेकिन सोसायटी में खाद नहीं दी जा रही है। महोजन सूर्यवंशी का कहना है कि वे भी चार दिन से यहां का चक्कर लगा रहे हैं।
गौरतलब है तीन साल में यह पहली बार हो रहा है जब खाद को लेकर किसान मांग कर रहे हैं। इधर विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस बार जिले में खाद के उठाव सबसे ज्यादा हुआ है। जिले में अब तक सरकारी और निजी दुकानों पर 72 हजार मीट्रिक टन खाद आई है। कृषि विभाग ने ही 56 हजार मीट्रिक टन खाद सोसायटियों को दी है। इस सम्बंध में विपणन संघ के खाद प्रभारी रामहरि लोखंडे ने बताया कि समितियों में खाद पर्याप्त मात्रा में है और किसानों को दी जा रही है। 1700 मीट्रिक टन की एक और रैक आ गई है। सोसायटियों को जरूरत और डिमांड के अनुसार खाद पहुंचाई जा चुकी है।
किसानों से संतुलित मात्रा में खाद डालने कहा जा रहा है। वे ज्यादा खाद की मांग कर रहे हैं। ज्यादा यूरिया फसल को प्रभावित करता है। एक हैक्टेयर में ज्यादा से ज्यादा चार बोरी यूरिया की अनुशंसा की जाती है। यदि किसान डीएपी या अन्य उर्वरक डाल रहा है तो यूरिया और कम लगेगा। मंगलवार को 1200 मीट्रिक टन सोसायटियों में पहुंचा दिया गया है। 500 मीट्रिक टन डबल लॉक में रखा गया है। इस बार रिकॉर्ड 56 हजार मीट्रिक टन यूरिया हमने जिले में किसानों को दिया है। खाद की कोई कमी नहीं है।
जेआर हेडाउ, उपसंचालक, कृषि विभाग