प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्या-वंदन के समय कर्पूर जरूर जलाएं। घर के वास्तुदोष को मिटाने के लिए कर्पूर का बहुत महत्व है। यदि सीढिय़ां, टायलैट या द्वार किसी गलत दिशा में निर्मित हो गए हैं तो सभी जगह 1-1 कर्पूर की बट्टी रख दें। वास्तुदोष को दूर कर देगा। गुग्गल का उपयोग सुगंध इत्र व औषधि में भी किया जाता है। इसकी महक मीठी होती है और आग में डालने पर वह स्थान सुगंध से भर जाता है। गुग्गल की सुगंध से जहां आपके मस्तिष्क का दर्द और उससे संबंधित रोगों का नाश होगा, वहीं इसे दिल के दर्द में भी लाभदायक माना गया है।
रात्रि में सोने से पहले पीतल के बर्तन में घी में भीगा हुआ कर्पूर जला दें। इससे तनावमुक्ति होगी और गहरी नींद आएगी।
हफ्ते में 1 बार किसी भी दिन घर में कंडे जलाकर गुग्गल की धूनी देने से गृह-कलह शांत होती है।
गुरुवार और रविवार को गुड़ और घी मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं। चाहें तो इसमें पके चावल भी मिला सकते हैं। इससे जो सुगंधित वातावरण निर्मित होगा, वह आपके मन और मस्तिष्क के तनाव को शांत कर देगा। जहां शांति होती है, वहां गृह-कलह नहीं होती और जहां गृह-कलह नहीं होती, वहीं लक्ष्मी वास करती हैं।
गुड़-घी का धूप विशेष दिनों में देने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। घर में किसी भी प्रकार का संकट नहीं आता लेकिन वह धूप देवताओं के निमित्त ही देना चाहिए।
पीली सरसों, गुग्गल, लोबान, गौघृत को मिलाकर इसका धूप बना लें और सूर्यास्त के बाद व दिन अस्त के पहले उपले (कंडे) जलाकर यह सारी मिश्रित सामग्री उस पर डाल दें। उसका धुआं संपूर्ण घर में फैलाएं। ऐसा करते रहेंगे तो घर में सभी तरह की नकारात्मक शक्तियां हट जाएंगी।