नई दिल्ली
वित्तीय संकट से गुजर रही एअर इंडिया ने नई पुंजी जुटाने के लिए सरकार से 2,400 करोड़ रुपये की गारंटी मांगी है। एयरलाइन मुख्य रूप से परिचालन जरूरतों को पूरा के लिए यह पूंजी जुटा रही है। यह बात ऐसे समय सामने आई है जब सरकार कर्ज में डूबी एअर इंडिया के विनिवेश के लिए रूपरेखा को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। अधिकारी ने कहा कि एयरलाइन ने परिचालन जरूरतों के लिए पूंजी जुटाने को लेकर सरकार से 2,400 करोड़ रुपये की गारंटी मांगी है। एअर इंडिया के प्रवक्ता ने इस बारे में कोई भी टिप्पणी नहीं की। एयरलाइन को 2018-19 में 8,556.35 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा होने का अनुमान है।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा था कि मार्च तक एअर इंडिया और भारत पेट्रोलियम के विनिवेश की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सरकार एयर इंडिया को बेचने में आने वाली रुकावटों को दूर करने की कोशिशें कर रही है। सरकार ने बॉन्ड्स के जरिए भी 7985 करोड़ रुपये जुटाए। इस रकम का इस्तेमाल एअरलाइन के कर्ज को चुकाने के लिए किया जाएगा।
सरकार की योजना एअर इंडिया और इसकी लो-कॉस्ट इंटरनेशनल सब्सिडियरी एअर इंडिया एक्सप्रेस को बेचने की है। इसके साथ ही ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी एअर इंडिया सिंगापुर टर्मिनल सर्विसेज लिमिटेड (AISATS) में हिस्सेदारी बेची जाएगी। रीजनल एअरलाइन अलायंस एयर, इंजिनियरिंग सब्सिडियरी एअर इंडिया इंजिनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL) और ग्राउंड हैंडलिंग सब्सिडियरी एअर इंडिया एअर ट्रांसपॉर्ट लिमिटेड (AIATSL) को अलग से बेचा जाएगा।