नई दिल्ली
उन्नाव में किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर विपक्ष हमलावर हो गया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रविवार को किसानों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई को लेकर योगी सरकार पर करारा हमला बोला. उन्होंने पुलिस कार्रवाई का एक वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किया है. इस वीडियो में पुलिसकर्मी जमीन पर बेसुध पड़े एक किसान को डंडे से मारता दिख रहा है.
प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, 'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अभी गोरखपुर में किसानों पर बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, उनकी पुलिस का हाल देखिए. उन्नाव में एक किसान लाठियां खाकर अधमरा पड़ा है. उसे और मारा जा रहा है. शर्म से आंखें झुक जानी चाहिए, जो आपके लिए अन्न उगाते हैं, उनके साथ ऐसी निर्दयता?' हालांकि कुछ देर बाद प्रियंका गांधी ने अपना यह ट्वीट डिलीट कर दिया.
वहीं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि, 'उत्तर प्रदेश में किसानों को ट्रांस गंगा सिटी प्रोजेक्ट की ज़मीन के उचित मुआवज़े की जगह भाजपा की लाठी मिल रही है, गन्ने का मूल्य नहीं मिल रहा, खड़ी फसल आवारा पशु खा रहे हैं, देश में अन्नदाताओं की आत्महत्याएं बढ़ती जा रही हैं…क्या भाजपा के राज में विकास की यही परिभाषा है.'
क्यों भड़के किसान?
उन्नाव में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम की ट्रांस गंगा सिटी परियोजना के तहत किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई. लेकिन किसानों का कहना है कि जो मुआवजा दिया गया वो काफी कम था. किसान और मुआवजे की मांग को लेकर कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे थे. बाद में पुलिस ने जब प्रदर्शन शांत कराने की कोशिश की तब मामला बिगड़ गया और दोनों के बीच झड़प की स्थिति उत्पन्न हो गई. यहां तक कि किसानों के गुस्से को शांत करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज भी करना पड़ा.
प्रदर्शनकारी किसानों ने जेसीबी और गाड़ी पर पथराव किया है. इसके बाद जिला प्रशासन की तरफ से 12 थानों की पुलिस और कई कंपनी पीएसी को मौके पर भेजा गया. इसके साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में तहसील विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. दरअसल, प्रशासन शनिवार को किसानों की जमीन पर जेसीबी चलवाए जाने के बाद किसान उग्र हो गए. किसानों ने नाराज होकर जेसीबी पर पथराव कर दिया. बताया जा रहा है कि मौके पर अब भी भारी फोर्स तैनात है.
क्या है पूरा मामला
किसानों का आरोप है कि 2005 में बगैर समझौते के उनकी जमीनों को अधिगृहित कर लिया गया था, लेकिन बदले में उसका मुआवजा नहीं दिया जा रहा. इसके विरोध में हम सड़क पर उतरे हैं. असल में, पूरा मामला यूपीएसआईडीसी की ट्रांस गंगा सिटी का है, जहां किसान अधिग्रहण की शर्तें पूरी नहीं किए जाने के कारण लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में ही ट्रांस गंगा हाई टेक योजना बनी थी.