लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पू्र्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगले देने की व्यवस्था को समाप्त करने का फैसला किया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के 07 मई 2018 के आदेश के अनुपालन में राज्य संपत्ति विभाग नियंत्रणाधीन भवनों का आवंटन (संशोधन) विधेयक-2020 के मसौदे को मंजूरी दी गई। ऐसा मूल अधिनियम में इस व्यवस्था को शून्य घोषित करने के लिए किया जा रहा है।
कैबिनेट ने सरकार के विभिन्न विभागों, निगमों, उपक्रमों, परिषदों, आयोगों और संस्थाओं में नियुक्त, मनोनीत गैर सरकारी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य व सलाहकार को भी आवास आवंटित करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट के 10 अक्तूबर 2018 के आदेश के अनुपालन में ट्रस्टों को आवंटित भवनों और उनके नवीनीकरण की अवधि में भी बदलाव करने का फैसला किया गया है।
इन प्रस्तावों को भी योगी सरकार ने दी मंजूरी
- कैबिनेट ने चालू वित्तीय वर्ष-2019-20 में प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के पात्र छात्र-छात्राओं की फीस भरपाई के लिए एक अरब 75 करोड़ 37 लाख 42 हजार रुपये देने का फैसला किया है।
- कैबिनेट की बैठक में गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के लिए प्रस्तावित कानून से संबंधित विधेयक के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस विधेयक को इसी बजट सत्र में पास कराकर राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इस विधेयक का नाम यूपी लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक-2020 है।
- कैबिनेट ने फैसला किया है कि अब मंडी परिषद चैरिटेबिल संस्थाओं को निराश्रित गोवंश की रक्षा के लिए आर्थिक मदद दो फीसदी से बढ़ाकर चार फीसदी कर सकेंगी। इसके साथ ही प्रदेश में औद्योगिक या कृषि प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने तथा कच्चे माल के रूप में प्रयोग किए जाने वाले कृषि उत्पादन या उत्पादन की मार्केटिंग के लिए भी यूपी कृषि उत्पादन मंडी एक्ट-2064 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
- कैबिनेट ने बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर के 500 बेड के बाल रोग अस्पताल के लिए 284 करोड़ रुपये लागत की निर्माण परियोजना मंजूर की है। यह संस्थान पूर्वी यूपी में व्याप्त संक्रामक रोगों और जापानी बुखार पर नियंत्रण करने के लिए सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएगा।
- कैबिनेट ने पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर के कार्यालय के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराए गए भवन में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 76.96 लाख रुपये नोएडा विकास प्राधिकरण को देने का फैसला किया है। साथ ही इस भवन को पुलिस विभाग के अस्थाई रूप से हस्तांतरित करने तथा नोएडा विकास प्राधिकरण के नियमों के तहत इस भवन में संशोधन-कार्य कराने की भी मंजूरी दे दी है।