उज्जैन
पूर्व मुख्य सचिव राकेश साहनी की शह पर उज्जैन की हवाईपट्टी के नाम पर हुए करोड़ के घोटाले में लोकायुक्त पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इस मामले में साहनी के शामिल होने की जांच फिलहाल चल रही है। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने रिटायर्ड आईपीएस अफसर सहित उज्जैन के कुछ पूर्व कलेक्टर, पीएडब्ल्यूडी और यश एयरवेज कंपनी के कुछ अफसरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। इन सभी ने शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया है।
इस मामले में वर्ष 2006 में नियमो को तक पर रख तत्कालीन मुख्य सचिव राकेश साहनी की मदद से यशराज ऐयरवेज कंपनी को उज्जैन हवाई पट्टी लीज पर दी गई थी। बाद में एक रिटायर्ड आईपीएस अफसर को इस कंपनी का चैयरमेन बना दिया गया था। इन सब पर आरोप है कि इन्होंने अपने प्रभाव के चलते उज्जैन के तत्कालीन कलेक्टर्स एवं पीडब्ल्यूडी के अफसरों से सांठगांठ कर 4 करोड़ रुपये हवाई पट्टी पर रख रखाव के नाम पर खर्च कर दिए। जबकि रखरखाव की जिम्मेदारी यश एयरवेज की थी।
यश एयरवेज की लीज की शर्तों में एटीसी का निर्माण, बाउंडरी वाल का निर्माण, हर वर्ष लीज रेंट तथा विमानों के रोज रात रुकने का किराया वसूलने की जिम्मेदारी उज्जैन कलेक्टर की थी जो किसी भी कलेक्टर ने पूरी नहीं की थी। लोकायुक्त संगठन द्वारा करीब चार साल तक लंबी जांच के बाद 2006 से 2013 के बीच रहे कलेक्टर, यश एयरवेज के कुछ पदाधिकारी, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार एवं पद के दुरुपयोग मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।