नई दिल्ली
कार्तिक मास की चतुर्थी को मनाया जाता है करवा चौथ का त्योहार। इस साल यह त्योहार 17 अक्टूबर को है। इस बार करवा चौथ का महत्व इसलिए और बढ़ रहा है क्योंकि इस साल करवा चौथ पर एक विशेष संयोग बन रहा है। बताया जा रहा है कि यह संयोग 70 साल बाद बन रहा है। इस बार चतुर्थी तिथि 17 अक्टूबर को 6:48 पर चतुर्थी तिथि लग रही है। अगले दिन चतुर्थी तिथि सुबह 7:29 तक रहेगी। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। इस दिन व्रत में सुबह सरगी खाई जाती है। इस बार उपवास का समय 13 घंटे 56 मिनट का है। सुबह 6:21 से रात 8:18 तक। इसलिए सरगी सुबह 6:21 से पहले ही खा लें।
पूरे दिन निर्जला व्रत रख कर महिलाएं शाम को चांद को अर्घ्य देकर व्रत को तोड़ती हैं। इस बार चांद 8:18 पर निकलेगा। अगर आपव्रत की कहानी सुनना चाहती हैं और पूजा करना चाहती हैं तो शाम 5:50 से 7:06 तक कर सकती हैं। पूजा के लिए यह शुभ मुहूर्त है। कुल मिलाकर एक घंटे 15 मिनट का मुहूर्त है।
शाम 5:50 से 7:06
ये मुहूर्त एक घंटे 15 मिनट का है।
सुबह 6:21 से रात 8:18 तक
उपवास का समय 13 घंटे 56 मिनट है।
चांद निकलने का समय: 8:18 रात
इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग होना अधिक मंगलकारी बना रहा है। यह योग बहुत ही मंगलकारी है और इस दिन व्रत करने से सुहागिनों को व्रत का फल मिलेगा। इस दिन चतुर्थी माता और गणेश जी की भी पूजा की जाती है।
माना जाता है कि इस दिन यदि सुहागिन स्त्रियां व्रत रखें तो उनके पति की उम्र लंबी होती है और उनका गृहस्थ जीवन सुखमय होता है। वैसे तो पूरे देश में इस त्यौहार को बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता हैं लेकिन उत्तर भारत खासकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश आदि में तो इस दिन अलग ही नजारा होता है।