भोपाल
मध्यप्रदेश की तीनों विद्युत कंपनियों ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी 'इंदिरा गृह ज्योति योजना' को नए स्वरूप में लागू कर दिया है। इसमें सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है। ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने बताया कि तीनों वितरण कंपनियों द्वारा योजना के लिए साफ्टवेयर अपडेट कर लिया गया है। इसमें प्रतिमाह 100 यूनिट तक बिजली की खपत होने पर केवल 100 रूपये का बिल जारी किया जाएगा। अब 150 यूनिट मासिक खपत वाले प्रदेश के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। प्रदेश में लागू ‘इंदिरा गृह ज्योति योजना’ को ‘संबल योजना’ से असंबद्ध कर दिया गया है।
प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों को दो रीडिंग की तिथियों के बीच के अंतर के आधार पर आनुपातिक मासिक खपत पात्रता के रूप में निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं। अब 27 दिन की रीडिंग होने पर पात्रता के लिए मासिक खपत 135 यूनिट होगी और 35 दिन में रीडिंग होने पर पात्रता के लिए मासिक खपत 175 यूनिट होगी। प्रत्येक मासिक रीडिंग के लिए निर्धारित मासिक खपत ‘पात्रता यूनिट’ मानी जाएगी।
योजना में ‘पात्रता यूनिट’ तक खपत करने वाले पात्र बिजली उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट तक की खपत पर अधिकतम 100 रूपए का बिल दिया जाएगा। सौ यूनिट खपत के लिए मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर से गणना किए गए बिल तथा 100 रूपए के अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनियों को सब्सिडी के रूप में दी जाएगी।
हितग्राही बिजली उपभोक्ता द्वारा किसी माह में 100 यूनिट से अधिक परन्तु ‘पात्रता यूनिट’ तक उपयोग की गई खपत पर प्रथम 100 यूनिट के लिए देय राशि 100 रूपए होगी। इसमें मीटर किराया और विद्युत शुल्क भी शामिल होंगे। सौ यूनिट से अधिक और पात्रता यूनिट की सीमा तक शेष यूनिटों के लिए मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी प्रचलित टैरिफ आदेश में निर्धारित दर के अनुसार बिल देय होगा। किसी माह में ‘पात्रता यूनिट’ से अधिक खपत होने पर उपभोक्ता को उस माह में योजना का लाभ नहीं मिलेगा। उसकी पूरी खपत पर विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों से बिल दिया जाएगा।
योजना में एलवी श्रेणी 1.1 के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक की मासिक खपत के लिये देयक मात्र 25 रूपए होगा, जिसका इकठ्ठा बिल तीन/चार महीनों में दिया जाएगा और अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों को सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। ऐसे उपभोक्ताओं की मासिक खपत 30 यूनिट से अधिक होने पर उन्हें परिपत्र के प्रावधानों के अनुरूप अन्य उपभोक्ताओं के समान मासिक बिल दिया जाएगा, जिसमें विगत ऐसे माह/माहों की 30 यूनिट तक के देयक की 25 रूपए प्रति माह की राशि बिना किसी अधिभार के शामिल की जाएगी, जिनके लिए बिल दिया जाना शेष है।
ग्रामीण क्षेत्रों में 500 वॉट तक के संयोजित भार वाले अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के बिलों की गणना विद्युत नियामक आयोग द्वारा टैरिफ आदेश में निर्धारित एलवी 1.2 की उप श्रेणी (ii) के अनमीटर्ड संयोजन के लिए लागू दर से की जाएगी। इंदिरा गृह ज्योति योजना के समावेशी स्वरूप में लागू होने के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को दी जा रही अन्य सब्सिडी समाप्त हो जायेगी।
इंदिरा गृह ज्योति योजना में जारी किए जाने वाले बिल (स्पॉट बिल को छोड़ कर) अलग रंग में छापे जाएंगे और बिल में शासन द्वारा प्रदत्त सब्सिडी का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा।