इंदौर
आबकारी विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर आलोक खरे (alok khare) के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई आज सुबह तक चली. खरे के भोपाल स्थित मकान पर लोकायुक्त पुलिस (lokayukta police)ने पूरी रात तलाशी ली. इसमें करीब 1 करोड़ का कीमती सामान मिला है. अब तक की कार्रवाई में खरे की 150 करोड़ की बेनामी संपत्ति का ख़ुलासा हो चुका है. लोकायुक्त पुलिस अब खरे को लेकर आज इंदौर (indore) आयी है. यहां की पॉश सोसायटी स्थित उनके फ्लैट की तलाशी ली जाएगी.
आलोक खरे का इंदौर के सबसे महंगे इलाके ग्रांड एक्सजोटिका हाइट्स में फ्लैट है.लोकायुक्त पुलिस को यहां मंगलवार को लॉक लगा मिला था. फ्लैट के बाहर चार पांच दिन के अखबार पड़े हुए थे. लोकायुक्त की टीम ने गेट पर नोटिस चस्पा कर दिया था. लोकायुक्त के अफसरों ने फ्लैट की चाभी मंगवाई थी. अब आज टीम इस फ्लैट की तलाशी लेगी. इसी के साथ बेनामी संपत्ति का आंकड़ा और बढ़ सकता है.
मंगलवार पड़ा था छापा
आबकारी विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर आलोक खरे काली कमाई के धनकुबेर निकले. मंगलवार को लोकायुक्त पुलिस की 7 टीमों ने प्रदेश के अलग-अलग शहरों में उनके 5 ठिकानों पर छापा मारा था. तलाशी की कार्रवाई आज सुबह 4 बजे तक चली. आलोक खरे के भोपाल के मकान पर लोकायुक्त ने पूरी रात सर्चिंग की. यहां 1 करोड़ कीमत के 221 बेशकीमती सामान मिले. लोकायुक्त पुलिस आलोक खरे को लेकर आज इंदौर आएगी. यहां पहले उनकी मौजूदगी में फ्लैट की तलाशी ली जाएगी. खरे के 38 बैंक अकाउंट मिले हैं. उनकी जांच की जाएगी.
इंदौर में पदस्थ सहायक आयुक्त आबकारी आलोक कुमार खरे की 150 करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्ति का खुलासा हो चुका है. मध्य प्रदेश के कई शहरों में उसकी 21 से ज्यादा प्रॉपर्टी मिलीं. इनमें कई आलीशान बंगले, दर्जनों जगह ज़मीन, लग्जरी गाड़ियां, सोने-चांदी के ज़ेवरात शामिल हैं. खऱे की काली कमाई का अंदाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि ऑफिस में बैठने के लिए उसने 85 हजार की कुर्सी मंगवाई थीं.
इंदौर में पदस्थ आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त आलोक खरे के 5 ठिकानों पर मंगलवार अल सुबह लोकायुक्त पुलिस ने छापा मारा था. वो जून 2018 से इंदौर में पदस्थ हैं. इससे पहले वो 2014 से 2018 तक भोपाल में रहे.इंदौर में वो उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अपने ऑफिस में बैठने के लिए 85 हजार की कुर्सी मंगाई थी. खरे ने अपनी नौकरी का अधिकतर समय मालवा निमाड़ इलाके में ही निकाला.वो खरगोन,रतलाम,धार और इंदौर जिलों में रहे. इसी दौरान उन्होंने अरबों रुपए की काली कमाई की.
आबकारी विभाग के सहायक आय़ुक्त आलोक खरे की धार और रतलाम पोस्टिंग के दौरान भी उनके खिलाफ कई शिकायतें हुईं थीं. बीजेपी नेता विक्रम वर्मा की पत्नी और धार विधायक नीना वर्मा ने भी खरे की शिकायत की थी.
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने एमपी सरकार से मांग की है कि केन्द्र सरकार की तरह वो भी भ्रष्ट अफसरों को जबरन रिटायर करे.ये अफसर धन पशु हैं,ये जनता की गाड़ी मेहनत से कमाया पैसा है. ऐसे अधिकारियों को कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए.