आयुर्वेद में मौजूद ढेरों नुस्खे और उपाय के जरिए न सिर्फ हम नैचरल तरीके से फिट और हेल्दी रह सकते हैं बल्कि वेट लॉस के साथ-साथ पेट की जिद्दी चर्बी को घटाने में भी मदद मिलती है। आपको बता दें कि आपकी बाहर निकली तोंद की वजह से आपका लुक तो खराब होता ही है, आपको स्ट्रोक, हार्ट डिजीज, डायबीटीज और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां भी हो सकती हैं। ऐसे में आयुर्वेद के इन 4 इन्ग्रीडिएंट्स को अपनाएं और वजन के साथ-साथ बाहर निकली तोंद भी घटाएं…
गुग्गल को करें यूज
जब बात वेट लॉस की आती है तो आयुर्वेदिक दवाइयों की लिस्ट में पहले नंबर पर आता है गुग्गल। गुग्गल, मुकुल के पेड़ से निकलने वाले गम रेजिन से बनता है जिसमें प्लांट स्टेरॉल और गुग्गलस्टेरॉन होता है जो वेट लॉस करने में मदद करता है। साथ ही गुग्गल में ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जिससे ट्राईग्लिसराइड और कलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है।
त्रिफला है गुणकारी
हरीताकी, आंवला और बिभीताकी- इन 3 सूखे फलों का मिश्रण है त्रिफला जिसका इस्तेमाल ढेरों बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। इस हर्बल मिश्रण के इस्तेमाल से डाइजेशन बेहतर होता है और शरीर से विषैले पदार्थ यानी टॉक्सिन्स को भी बाहर निकालने में मदद मिलती है। वेट लॉस के लिए त्रिफला के मिश्रण का 1 गिलास गर्म पानी के साथ दिन में 2 बार सेवन करें। एक बार सुबह ब्रेकफस्ट से 30 मिनट पहले और दूसरी बार रात में डिनर के 2 घंटे के बाद।
दालचीनी है फायदेमंद
औषधीय गुणों से भरपूर दालचीनी भी सेहत के लिए लिहाज से काफी फायदेमंद है। दालचीनी मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद करती है जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है। वजन घटाने के लिए सबसे अच्छा उपाय ये है कि आप हर दिन सुबह खाली पेट दालचीनी की चाय का सेवन करें और फिर देखें कैसे बेली फैट यानी पेट की चर्बी घटाने में मदद मिलेगी।
पुनर्नवा से घटेगा वजन
वेट लॉस के लिए सबसे असरदार आयुर्वेदिक दवाइयों में से एक है पुनर्नवा। इस पौधे में diuretic प्रॉपर्टीज यानी मूत्रवर्धक तत्व भी पाए जाते हैं जो ब्लैडर और किडनी को हेल्दी रखने में मदद करता है। साथ ही इस हर्बल पौधे का इस्तेमाल शरीर में वॉटर रिटेंशन की समस्या से निपटने में भी किया जाता है।