छत्तीसगढ़

आदिवासी महोत्सव में शामिल हो सकते हैं यूपी और ओडिशा के सीएम, सरकार ने दिया न्योता

रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव (National Tribal Festival) को खास बनाने की तैयारी में सरकार लग गई है. मालूम हो कि सरकार ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में पहली बार आदिवासी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस महोत्सव में प्रदेश भर के आदिवासी नृत्य टोली सहित देश और विदेशों से भी कलाकार शामिल हो सकते हैं. राजधानी रायपुर में 27 और 29 दिसंबर को होने वाले इस आयोजन में आदिवासी संस्कृति नृत्य (Folk Dance)  का प्रदर्शन किया जाएगा. शहर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में इस महोत्सव का आयोजन होना है. इस महोत्सव में देशभर के आदिवासी समूह के जनजातियों की उपस्थिति में सभ्यता और संस्कृति का आदान प्रदान किया जाएगा. आदिवासियों द्वारा निर्मित औषधि सामग्री का भी प्रदर्शन किया जाएगा. सरकार पूरे देश के कई जाने माने हस्तियों (Eminent personalities) को आदिवासी महोत्सव में शामिल होने का निमंत्रण सरकार दे रही है.

राष्ट्रीय आदिवासी कला और नृत्य महोत्सव का आमंत्रण ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Chief Minister Naveen Patnaik) को दिया गया है. सूबे के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सीएम नवीन पटनायक से बुधवार को मुलाकात की है. गृहमंत्री ने मुलाकात कर सीएम नवीन पटनायक को आदिवासी महोत्सव में शामिल होने का निमंत्रण दिया है. इसके साथ ही गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने ओडिशा के मुख्यमंत्री के साथ महानदी पानी के विवाद को लेकर भी चर्चा की हैं. मुलाकात के बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि महानदी पानी के विवाद का हल दोनों राज्यों के साथ बातचीत करके किया जा सकता हैं. गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की भुवनेश्वर में मुलाकात हुई है.

स्कूली शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह ने बुधवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) से मुलाकात की है. सीएम योगी को राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने का निमंत्रण उन्होंने दिया है. वहीं योगी आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के लिए अपनी शुभकामनाएं दी तथा छत्तीसगढ़ आने का आश्वासन भी दिया है. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) वाराणसी में पूजा के लिए चढ़ाए जाने वाले फूलों का सदुपयोग करते हुए इत्र अगरबत्ती और धूप बनाने की कार्य योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और इसे छत्तीसगढ़ में भी अमल करने करने का सुझाव दिया है.

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