रायपुर
आदिवासी क्षेत्रों में टीकाकरण की पहुंच बढ़ाने स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12 सितम्बर को जगदलपुर में एक दिवसीय राज्य स्तरीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, विभागीय अधिकारी, जनजातीय विशेषज्ञ, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और शिशु रोग विशेषज्ञ दिनभर चर्चा के बाद वनांचलों में टीकाकरण के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्ययोजना तैयार करेंगे। कार्यशाला जगदलपुर कलेक्टोरेट के प्रेरणा हॉल में सुबह 10 बजे शुरू होगी।
कार्यशाला में अमरकंटक के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, भारतीय शिशु रोग अकादमी, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ तथा स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला टीकाकरण के प्रति वनवासियों को जागरूक और प्रेरित करने के उपाय बताएंगे। कार्यशाला में सरकार द्वारा संचालित टीकाकरण कार्यक्रमों को जनजातीय क्षेत्रों में सुलभ बनाने और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के बारे में भी चर्चा होगी। कार्यशाला में जनजाति आबादी की बहुलता वाले 15 जिलों बलरामपुर-रामानुजगंज, बस्तर, बीजापुर, बिलासपुर, दंतेवाड़ा, गरियाबंद, जशपुर, कांकेर, कोंडागांव, कोरिया, नारायणपुर, राजनांदगांव, सरगुजा, सूरजपुर और सुकमा के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक तथा जिला टीकाकरण अधिकारी सहित महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता और मितानिन प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
इन जिलों के 86 विकासखंडों में सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक टीकाकरण की पहुंच सुनिश्चित करने मैदानी अमले के अनुभव और विशेषज्ञों के सुझाव के आधार पर कार्यशाला में रणनीति तैयार की जाएगी। कार्यशाला में रायपुर, राजनांदगांव और जगदलपुर मेडिकल कालेज के शिशु रोग एवं कम्युनिटी मेडिसीन विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है। कार्यशाला के निष्कर्षों को भारत सरकार से भी साझा किया जाएगा, ताकि वनांचलों में टीकाकरण के लिए प्रभावी नीतियां बनाई जा सके।
स्वस्थ और सुपोषित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए टीकाकरण को हर परिवार तक पहुंचाना जरूरी है। मैदानी क्षेत्रों की तुलना में आदिवासी क्षेत्रों में टीकाकरण में दस प्रतिशत तक की कमी देखी गई है। यदि बच्चों को सभी टीके समय पर लगाए जाएं तो 5 वर्ष से कम उम्र के शिशुओं की मृत्यु में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। इससे शिशु मृत्यु दर में भी अच्छा सुधार होगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा वनांचलों में हर बच्चे तक जीवनरक्षक टीके पहुंचाने के महत्वाकांक्षी उद्देश्य के साथ इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है।