आकाश वर्मा की कलम से
पछले कुछ सालों में आईएएस और फिल्मी दुनिया के बहुत से लोगों की आत्महत्या इस बात की ओर इशारा कर रही है कि सफलता की परिभाषा, जो हमें समाज में दिखाई जा रही है, वह पूर्णत: सत्य नहीं है
छिछोरे और महेंद्र सिंह धोनी जैसी फिल्मों में अभिनय कर संघर्ष से उठकर जिंदादिली का पाठ सिखाने वाले सुशांत सिंह राजपूत ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। पिछले कुछ सालों में आईएएस और फिल्मी दुनिया के बहुत से लोगों की आत्महत्या इस बात की ओर इशारा कर रही है कि सफलता की परिभाषा जो हमें समाज में दिखाई जा रही है, वह पूर्णत: सत्य नहीं है।
आत्महत्या करने से सिर्फ आपका शरीर ही नहीं मरता
मैं रोज बहुत से युवाओं का स्टेटस सोशल-मीडिया पर देखता हूं, जिसमें फीलिंग एलोन, फीलिंग सैड जैसे कई स्टेटस से सोशल-मीडिया भरा पड़ा है। अधिकतर युवा आकर्षण वाले प्रेम के दलदल से खुद को बाहर निकाल ही नहीं पा रहे हैं। नौकरी, परिवार और भी पता नहीं कौन-कौन से दर्द, युवा अपने मन में लिए घूम रहे हैं। लेकिन इस बात का हमेशा ध्यान रहे कि आत्महत्या करने से सिर्फ आपका शरीर ही नहीं मरता, बल्कि आपसे जुड़े लोगों की भावनाएं और उम्मीदें भी मरती हैं। ऐसे में यह ध्यान रहे कि यह शरीर सिर्फ आपका ही नहीं है, बल्कि आपसे जुड़े लोगों और परिवार का भी इस पर उतना ही हक है, जितना कि आपका।
अधिकतर युवा अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं
सोशल-मीडिया पर भले ही आपके दोस्तों की लिस्ट बहुत लंबी हो पर वास्तविकता यह है कि वर्तमान में अधिकतर युवा अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं। ऐसे सभी युवाओं से मेरी अपील है कि आभासी दुनिया (सोशल-मीडिया) पर नहीं, वास्तविक दुनिया में दोस्त बनाएं। ऐसे दोस्त जिनको आप अपने मन की बातें बता सकें और जो आपको अच्छी सलाह दे सकें , ऐसे दोस्त जिनके साथ आप खुल के हंस सकें।
खुल के जीना सीखिये
इतनी सी उम्र में ये चिंता लेना छोड़ दीजिए, खुल के जीना सीखिये, अपना कर्तव्य पूरा करते रहिए बस और सब कुछ उस ईश्वर पर छोड़ दीजिए। अपनी खुशियों पर बंदिश मत लगाइये कि कुछ हो जाएगा, फिर खूब खुश होंगे, अभी हंसना सीखिये, बिन बात के हंसना सीखिये, वो गाना तो सुना ही होगा, लव यू जिंदगी बस अब यही करना है।
ये समय, उम्र निकल गई तो फिर कभी वापस नहीं आएगी
याद रखिये ये समय अगर निकल गया, ये उम्र अगर निकल गई तो फिर कभी वापस नहीं आएगी, कभी भी नहीं। क्या आप किसी पर्सन या समस्या की वजह से अपनी जिंदगी ही जीना छोड़ देंगे। कल सुबह जल्दी जागिए, छत पर जाइए, प्रकृति को चारों तरफ देखिये, स्माइल के साथ गहरी सांस अंदर भरिये और विश्वाश के साथ खुद से कहिये, बस अब और नहीं, अब से मुझे बस खुश रहना है, मैं सब कुछ कर सकता हूं।