लखनऊ
उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार में तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खान के विभाग जल निगम में हुई 1,300 कर्मचारियों की नियुक्ति निरस्त कर दी है। इन भर्तियों में गड़बड़ी का आरोप है। जल निगम के अपर मुख्य अभियंता आईके श्रीवास्तव की ओर से सोमवार को जारी आदेश के मुताबिक, जल निगम में भर्ती किए गए 122 सहायक इंजिनियरों, 853 जूनियर इंजिनियरों और 325 लिपिकों की नियुक्ति को विशेष जांच दल (एसआईटी) और विभाग की रिपोर्ट के आधार पर रद्द करते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाता है। लेकिन, इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि लिपिकों को अब तक दिए गए वेतन-भत्ते आदि की वसूली नहीं की जाएगी।
धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद चल रहे मोहम्मद आजम खान पिछली सरकार में नगर विकास विभाग मंत्री थे। वर्ष 2016—17 में हुई इन भर्तियों के समय जल निगम उन्हीं के विभाग के अधीन था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन भर्तियों में अनियमितता की शिकायतें मिलने के बाद योगी सरकार ने 2017 में एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी और विभागीय जांच के बाद इन भर्तियों को रद्द किया गया है। एसआईटी ने अपनी जांच में कहा है कि परीक्षा कराने के लिये चुनी गयी मुंबई की एजेंसी ने सही चयन प्रक्रिया नहीं अपनायी। परीक्षा में असफल रहे अभ्यर्थी अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए अदालत की शरण में गए थे।
सुप्रीम कोर्ट से मिली थी इंजिनियरों को राहत
अधिकारी ने बताया कि योगी सरकार ने सहायक इंजिनियरों की सेवायें पहले ही समाप्त कर दी थीं, लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई थी। नए आदेश में सभी की सेवायें समाप्त कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षा कराने वाली एजेंसी के खिलाफ भी जांच कराई जाएगी। गौरतलब है कि योगी सरकार से पहले एसपी प्रमुख अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। आजम खान को एसपी मुखिया मुलायम सिंह का बेहद खास माना जाता है।