गुवाहाटी
नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) राज्यसभा में पेश किया जा चुका है। असम के लोग शुरुआत से ही इस बिल का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। राज्यसभा में बिल को पेश किए जाने का वक्त नजदीक आने के साथ ही विरोध के स्वर भी तेज हो गए हैं। इसी को देखते हुए कई ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है, या फिर उनके रास्ते बदल दिए गए हैं। कई ट्रेनों के टाइम-टेबल में भी बदलाव किया गया है। असम के लोग इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने बुधवार को कई ट्रेनें रद्द कर दीं। असम से चलने वाली कई ट्रेनों का टाइम टेबल भी बदला गया है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुभानन चंदा ने एक बयान में कहा कि कम से कम 14 ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है या गंतव्य स्थान से पहले ही रोक दिया गया है या फिर ट्रेन परिचालन में बाधा को देखते हुए उनके रास्ते बदल दिए गए हैं।
अवध असम एक्सप्रेस को न्यू तिनसुकिया से चलाने का निर्णय लिया गया है। यह डिब्रूगढ़ और न्यू तिनसुकिया के बीच रद्द रहेगी। वहीं, लीडो गुवाहाटी इंटरसिटी एक्सप्रेस, डिब्रूगढ़ फरकाटिंग गुवाहाटी इंटरसिटी एक्सप्रेस, नाहरलागुन तिनसुकिया इंटरसिटी एक्सप्रेस, डेकारगांव डिब्रूगढ़ इंटरसिटी एक्सप्रेस पूरी तरह से रद्द है।
क्या है नागरिकता संशोधन विधेयक में प्रस्ताव
नागरिकता संशोधन विधेयक के तहत 1955 के सिटिजनशिप ऐक्ट में बदलाव का प्रस्ताव है। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है। इन समुदायों के उन लोगों को नागरिकता दी जाएगी, जो बीते एक साल से लेकर 6 साल तक में भारत आकर बसे हैं। फिलहाल भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए यह अवधि 11 साल की है।
असम के सीएम बोले- अफवाह ना फैलाएं
वहीं, इस बिल पर असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने मंगलवार को प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे सीएबी को लेकर अफवाह न फैलाएं। विधेयक के खिलाफ करीब 20 संगठनों की ओर से बुलाई गई दिनभर की हड़ताल के चलते मंगलवार को असम में जनजीवन प्रभावित हुआ। कई इलाकों में लोगों ने मशाल जुलूस निकाले तो कहीं सड़क पर पेड़ गिराकर रास्ते भी बंद कर दिए गए।
सोनोवाल ने कहा, 'विश्व के मानचित्र पर असम को मजबूती से रखने के लिए हम सभी को समर्पित भाव से काम करना चाहिए। राज्य में एक मजबूत कार्य संस्कृति का निर्माण सभी का मुख्य लक्ष्य होना चाहिए और युवाओं को भटककर विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होना चाहिए।’ असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और नार्थ ईस्ट स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (नेसो) और अन्य संगठनों द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में बुलाए गए बंद और हड़ताल के चलते सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।