ग्वालियर
अव्यवस्थाओं और लापरवाही की भेंट चढ़ते जा रहे जयारोग्य अस्पताल समूह का एक और कारनामा सामने आया है। यहाँ के ब्लड बैंक ने एक मरीज का ब्लड ग्रुप ही बदल दिया। खास बात ये कि जब मरीज के परिजन ने जब इसकी शिकायत की तो ब्लड बैंक स्टाफ अभद्रता करने लगा। गनीमत ये रही कि मरीज को ब्लड की जरुरत नहीं पड़ी वर्ना उसकी जान आफत में पड़ सकती थी।
जानकारी के अनुसार जयारोग्य अस्पताल समूह के कमला राजा बाल एवं महिला अस्पताल के गायनिक विभाग में दौलतगंज निवासी रामसेवक शाक्य ने अपनी पत्नी दीपा शाक्य को 27 अगस्त की शाम डिलेवरी के लिए भर्ती कराया था। 28 अगस्त को नर्सिंग स्टाफ ने रामसेवक को दीपा का ब्लड सेम्पल देते हुए कहा कि हो सकता है ऑपरेशन में ब्लड की जरूरत पड़े इसलिए ब्लड ग्रुप की जांच करा लें । रामसेवक सेम्पल लेकर ब्लड बैंक पहुंचे । रात के समय जब रामसेवक जांच रिपोर्ट लेने पहुंचे तो चौंक गए क्योंकि ब्लड बैंक ने उनकी पत्नी का ब्लड ग्रुप O पॉजिटिव बताया जबकि उन्हें पता था कि उनकी पत्नी का ग्रुप B पॉजिटिव है। उन्होंने जब ब्लड बैंक स्टाफ से इसकी शिकायत की तो वे अभद्रता करने लगे। रामसेवक के मुताबिक स्टाफ ने कहा कि ये ब्लड बैंक तुम्हारे हिसाब से नहीं चलेगा। रिपोर्ट लेनी हो तो ले वर्ना भाग जाओ। परेशान रामसेवक ने फिर से पत्नी का ब्लड सेम्पल लिया और पास में ही स्थित प्राइवेट पैथोलोजी लेब में उसकी जांच कराई तो ब्लड ग्रुप B पॉजिटिव आया। विधायक ने अस्पताल के ब्लड बैंक की इस लापरवाही की शिकायत कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक और मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ भरत जैन से की हैं। अच्छी बात ये रही कि डिलेवरी के दौरान दीपा को ब्लड की जरुरत नहीं पड़ी वर्ना यदि गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया जाता तो उसकी जान आफत में पड़ सकती थी। ब्लड बैंक की इस लापरवाही से इस शंका को बल मिलता है कि अस्पताल में होने वाली मौतों में ब्लड ग्रुप की गलत जांच भी एक कारण हो सकता है और यदि ऐसा है तो ये एक गंभीर मामला है। जिसके दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।