नई दिल्ली
अयोध्या के विवादित स्थल को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला थोड़ी देर में आने वाला है. पूरी दुनिया की नजर अयोध्या पर है कि वहां क्या माहौल है? अयोध्या में शांति है या लोग बेचैन हैं? आपको बता दें कि अयोध्या में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अभी अयोध्या में पंचकोसी और चौदहकोसी परिक्रमा चल रही थी. कार्तिक मेले के चलते अल्पवास करने के लिए करीब 20 लाख लोग अयोध्या में आए थे. जिनमें से करीब 80 फीसदी लोग जा चुके हैं. इन श्रद्धालुओं को उनके जिले में भेजने के लिए हजारों बसों की व्यवस्था की गई थी.
अयोध्या में अल्पवास करने आए कुछ श्रद्धालुओं का मन था कि परिक्रमा के बाद वे कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करके जाएं. परिक्रमा पूरी हो चुकी थी, लेकिन जैसे ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खबर लोगों को लगी तो लोग अयोध्या से जाने लगे. तत्काल स्थानीय प्रशासन ने उत्तर प्रदेश परिवहन की करीब एक हजार बसों को लगाकर अयोध्या में मौजूद लाखों श्रद्धालुओं को उनके जिलों की तरफ शुक्रवार रात ही रवाना कर दिया. कुछ श्रद्धालु शनिवार सुबह तक रवाना किए गए है.
अयोध्या शहर में अंदर आने के सारे रास्तों को बंद कर दिया गया. विवादित स्थल के चारों तरफ 2 किलोमीटर के क्षेत्रफल को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. इसे रामकोट मोहल्ला कहते हैं. इस मोहल्ले में सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ा दी गई है. अयोध्या के वरिष्ठ पत्रकार शिवकुमार मिश्रा ने बताया कि यहां अयोध्या में गाड़ियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. लोग पैदल ही चल रहे हैं. सिर्फ दो पहिया चलाने की अनुमति है. लेकिन कुछ जगहों पर दोपहिया की भी अनुमति नहीं है.
वासुदेवघाट मोहल्ले में रहने वाले शिक्षक राहुल सिंह बताते हैं कि अयोध्या में चारों तरफ सीआरपीएफ, आरएएफ समेत कई अर्धसैनिक बलों की करीब 45 कंपनियां तैनात की गई है. अयोध्या में इस फैसले को लेकर अब जितना संयम है, उतना मैंने पहले कभी नहीं देखा. यहां सभी जगहों पर शांति है. शुक्रवार रात 11 बजे तक तो लोग सब्जी मंडी से सब्जियां खरीद रहे थे. रात 12 बजे तक पेट्रोल पंप भी खुला हुआ था.
पत्रकार नितिन कुमार बताते हैं कि अयोध्या के सभी प्रमुख और बड़े मंदिरों के चारों तरफ, सभी चौक-चौराहों पर सुरक्षाबल तैनात हैं. बाजार शुक्रवार रात देर तक खुला था. शनिवार को भी खुलेगा. यहां लोगों के बीच काफी सौहार्द है. लोग शांति से रह रहे हैं. यहां के लोगों को फर्क नहीं पड़ता कि बाहर क्या होता है? अयोध्या में शांत रहने की परंपरा है. अयोध्या पहले भी शांत थी, अब भी है और आगे भी रहेगी.