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अम्फान से बंगाल के हावड़ा, हुगली और आसनसोल में तेज हवा के साथ बारिश

पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने मछुआरों और लोगों को घरों में ही रहने की ताकीद दी

कोलकाता. अम्फान के कारण बंगाल के हावड़ा, हुगली और आसनसोल में तेज हवा के साथ बारिश हो रही है। राज्य के कई इलाकों में आंधी और बारिश जारी है। इसे देखते हुए और ज्यादा लोगों को इन सुरक्षित केंद्रों पर पहुंचाया जा रहा है। अम्फान साइक्लोन प्रभावित ओडिशा के 13 जिलों में बनाए गए 1704 साइक्लोन शेल्टर होम ले जाया गया है।

ओडिशा सरकार ने बुधवार को अम्फान साइक्लोन प्रभावित जिलों से 1.37 लाख लोगों को निकालने का दावा किया। राज्य के कई इलाकों में आंधी और बारिश जारी है। इसे देखते हुए और ज्यादा लोगों को इन सुरक्षित केंद्रों पर पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में आने वाले कुछ घंटों में इन जिलों से बाहर निकाले जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है।

ओडिशा में राहत शिविरों में लाए गए लोगों से अफसरों ने मुलाकात की। ओडिशा के अधिकारियों के मुताबिक, साइक्लोन का ज्यादा असर पश्चिम बंगाल से सटे ओडिशा के उत्तरी तटीय जिलों में नजर आएगा। उधर, पश्चिम बंगाल में आसनसोल, हुबली और हावड़ा में तेज हवा के साथ बारिश हो रही है।

मुख्य सचिव की कलेक्टरों के साथ बैठक
ओडिशा के मुख्य सचिव ने एसआरसी और प्रभावित होने वाले जिले के कलेक्टरों के साथ बैठक की। उन्होंने कलेक्टरों को साइक्लोन के लिए तैयार रहने के लिए कहा। मुख्य सचिव ने अफसरों को समय से लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने और भोजन की व्यवस्था करने के साथ ही उनके लिए दूसरी सेवाएं सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।

मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव वीके पांडियन बुधवार सुबह भुवनेश्वर स्थित एसआरसी के ऑफिस पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने एसआरसी के कमांड सेंटर से साइक्लोन की रियल टाइम गतिविधियों की जानकारी ली। ओडिशा के तटीय इलाके में ज्यादा ऐहतियात बरती गई है।

सरकार ने किया स्वास्थ्य इकाइयों के तैयार होने का दावा
राज्य सरकार ने साइक्लोन के बाद आने वाले मामलों से निपटने के लिए स्वास्थ्य इकाइयों को तैयार रखने का भी दावा किया। एसआरसी जेना ने कहा कि हमने सभी कलेक्टरों को जरूरी दवाओं और मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा है। चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में अक्सर सांप काटने की घटना बढ़ जाती है। ऐसे में सभी प्रभावित जिलों में पर्याप्त मात्रा में जहर काटने के दवाओं की आपूर्ति की जा रही है। अफसरों ने लोगों से मुलाकात कर हरसंभव मदद का भरोसा जताया।

भद्रक में पेड़ उखड़कर सड़कों पर गिरे
चक्रवात तेज हो गया है और पूर्वी तटों की ओर बढ़ रहा है। भद्रक में तेज आंधी से पेड़ उखड़कर सड़क पर गिर गए। इससे सड़कें जाम हो गईं। भद्रक जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें भी शेयर की। जगतसिंहपुर के पारादीप में भी सुबह से ही तेज हवाएं चल रही हैं, इससे पूरे इलाके में काफी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक, पारादीप में हवा की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई। ताजा पूर्वानुमान में साइक्लोन से करीब 155 किमी दूर बताया गया है।

एनडीआरएफ की टीमें मुस्तैद
राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) की विशेष टीमों को बालासोर,भद्रक, जगतसिंहपुर और केंद्रापाड़ा जिलों में भेजा गया है। ये सभी जिले ओडिशा के उत्तरी तटीय इलाके में हैं। जिला प्रशासन साइक्लोन शेल्टर होम में ले जाए गए लोगों के बीच मास्क बांट रहा है। कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के पालन कराने का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

श्चिम बंगाल के हालात
अम्फान की आहट पश्चिम बंगाल के समुद्र तटीय दीघा और इसके आसपास के बढ़ती जा रही है। तेज हवाओं के साथ समुद्र में भी ऊंची लहरें उठ रही हैं। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौके पर मोर्चा संभालकर मछुआरों और आम लोगों को तट से दूर रहने की सलाह दे रहे हंै। सगरद्वीप और इसके आसपास के इलाकों में बारिश हो रही है।

दक्षिण 24 परगना जिले के कैंनिग स्थित तटीय इलाकों में भी तेज हवाएं चल रही है
अम्फान को लेकर तटीय इलाकों के साथ ही कोलकाता में भी सतर्कता बरती जा रही है। कोलकाता पुलिस लोगो को घरों में ही रहने का अनाउंसमेंट कर रही है। आसनसोल, हावड़ा, हुगली समेत अन्य इलाकों में सुबह से ही तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। ये दूसरी बार है कि बंगाल की खाड़ी से सुपर साइक्लोन टकराएगा।

इससे पहले 1999 में बंगाल की खाड़ी से सुपर साइक्लोन टकराया था। तब इस सुपर साइक्लोन ने ओडिशा को पूरी तरह बर्बाद कर दिया था। गैर-सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस तूफान में करीब 50 हजार लोगों की मौत हुई थी और लाखों लोग बेघर हो गए थे।

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