भोपाल
मध्यप्रदेश से अन्य राज्यों में काम के सिलसिले में जाने वाले राशनकार्डधारकों के लिए अच्छी खबर है। नए साल से वे देश के 11 अन्य राज्यों में भी जाकर अपने हिस्से का राशन ले सकेंगे। इस योजना का लाभ प्रदेश के एक करोड़ 17 लाख परिवारों को मिल सकेगा। केन्द्र सरकार की इस योजना को मध्यप्रदेश ने भी शुरू करने पर सहमति दे दी है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय आधार नंबर से जुड़ चुके सभी राशनकार्डधारकों को इस योजना में शामिल कर रहा है। इस योजना में मध्यप्रदेश के अलावा आंध्रप्रदेश, झारखंड, हरियाणा, गोवा, गुजरात, महाराष्टÑ, केरल, कर्नाटक, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा राज्य के राशनकार्डधारक शामिल हो सकेंगे। मध्यप्रदेश में इस समय एक करोड़ 17 लाख राशनकार्डधारक परिवार है। इनमें से पंद्रह लाख पचास हजार राशनकार्ड धारक अंत्योदय श्रेणी के शामिल है। मध्यप्रदेश में इनको एक रुपए किलो की दर से गेहूं, चावल मिलता है। इसके अलावा रियायती दरों पर शक्कर, नीला केरोसीन भी प्रदाय किया जाता है।
मध्यप्रदेश के झाबुआ सहित अन्य सीमावर्ती जिलों के राशनकार्डधारक मजदूरी के सिलसिले में गुजरात, महाराष्ट सहित अन्य राज्यों में पूरे सालभर रहते है। लेकिन वहां आधार पंजीयन नहीं होने और राशनकार्ड नहीं होने के कारण अभी तक उन्हें दूसरे राज्यों में रियायती दरों पर राशन नहीं मिल पाता है। केन्द्र सरकार एक देश एक राशनकार्ड योजना लागू कर रही है। इस योजना में शामिल हो रहे 12 राज्यों के राशनकार्डधारक इन बारह राज्यों में जाते है तो उन्हें वहां किसी भी राशन की दुकान से उस राज्य में प्रदाय की जा रही रियायती दरों पर राशन मिल सकेगा। इसके लिए उसे अपना राशनकार्ड जमा कर दूसरे राज्य में दूसरा राशन कार्ड लेने की जरूरत नहीं होगी।
आधार पंजीयन के बाद राशनकार्ड को आधार से लिंक करा चुके मध्यप्रदेश के राशनकार्डधारकों का डाटा नेशनल डेटा सेंटर पर उपलब्ध है। इस योजना के तहत अब मध्यप्रदेश का कोई राशनकार्डधारक गुजरात राज्य की किसी राशन दुकान पर जाकर अपने हिस्से का रियायती राशन लेना चाहता है तो पाइंट आॅफ सेल मशीन के जरिए उसकी पात्रता पर्ची जनरेट कर उसे वहां केन्द्र सरकार द्वारा तय रियायती दरों पर राशन मिल जाएगा। बाद में मध्यप्रदेश वापस आने पर उसे यहां भी उसी राशनकार्ड से राशन मिल जाएगा। इसके लिए राशनकार्ड बदलवाने की जरूरत नहीं होगी।