भोपाल
प्रदेश के श्रमिकों के बच्चे भी अब आॅस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूके और अन्य देशों में जाकर महंगी पढ़ाई कर सकेंगे। इसका खर्च अब राज्य सरकार उठाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने विदेश अध्ययन हेतु नि:शुल्क शिक्षा योजना लागू की है। यह योजना मध्यप्रदेश में स्थापित सभी औद्योगिक इकाईयों और स्थापनाओं में कार्यरत श्रमिकों पर लागू होगी जो भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम के अंतर्गत श्रमिकों के दायरे में आते है। जो पिछले पांच वर्षो से लगातार वैध परिचय पत्र धारक है उनके बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा। हर साल पचास बच्चों को इस योजना के तहत विदेश पढ़ने भेजा जाएगा। विदेशों में मान्यता प्राप्त संस्थानों में गुणवत्ता पूर्ण उच्च शिक्षा के लिए विदेश अध्ययन हेतु राज्य सरकार सहायता राशि देगी। इसमें दो वर्ष तक स्नातकोत्तर स्तर के पाठयक्रमों, पीएचडी करने के लिए छात्रवृत्ति और अन्य लाभ दिए जाएंगे। जो स्नातक में साठ प्रतिशत अंक सहित प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होंगे या उसके समतुल्य ग्रेड में उत्तीर्ण होंगे उन्हें ही इस योजना का लाभ मिलेगा। पीएचडी के लिए स्नातकोत्तर में साठ प्रतिशत अंको सहित प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
एमबीए के लिए यूएस, कनाडा विश्वविद्यालय में अध्ययन हेतु टीओईएफएल, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूके में अध्ययन के लिए आईईएलटीएस या पीटीई, सीईएलपीआईपी प्रवेश परीक्षा कनाडा में अध्ययन के लिए सीएई या सीपीई यूके में अध्ययन के लिए अनिवार्य होगा। एमएस के लिए स्टेंडराईज्ड टेस्ट सीआरई एवं देश विदेश में भाषा संबंधित परीक्षा उत्तीर्ण करने पर ही सहायता दी जाएगी। इसके अलावा विधि संकाय, इंजीनियरिंग एवं अन्य कोर्स के लिए राज्य स्तरीय समिति द्वारा चयनित मानक यूनिवर्सिटी से प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सहायता मिलेगी।
वास्तविक शिक्षण शुल्क या चालीस हजार यूएस डालर हो भी कम हो का भुगतान सरकार करेगी। निर्वाह भत्ते के रुप में अधिकतम दस हजार यूएस डालर वार्षिक दिए जाएंगे। इसके अलावा वीजा शुल्क एवं बीमा प्रीमियम निवास स्थान से हवाई अड्डे तक जाने एवं वापसी का द्वितीय श्रेण्ीा का रेल, बस का ििकराया और शैक्षणिक संस्थान से निकटतम स्थान तक का वायु मार्ग से जाने और वापसी का इकानॉमी क्लास का वास्तविक किराया भी दिया जाएगा। बीच में अध्ययन छोड़ने पर शिक्षण शुल्क वापस करना होगा।