नई दिल्ली
कांग्रेस पार्टी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) के खिलाफ प्रदर्शनों पर फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाने की जगह सरकार से खुलकर दो-दो हाथ करने जा रही है। हालांकि, पार्टी के कई गणमान्य नेताओं ने टॉप लीडरशिप को छात्रों के प्रदर्शनों से दूर रहने और जगह-जगह मच रहे उत्पात को लेकर सतर्क रहने को कहा है। इन नेताओं को कहना है कि देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा मिल सकता है।
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आने वाले दिनों में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन तेज करने में पार्टी की भूमिका पर चर्चा के लिए गुरुवार को एक मीटिंग बुलाई थी। सूत्रों ने बताया कि पार्टी की युवा इकाई ने लीडरशिप से कहा कि विद्यार्थियों ने देशव्यापी प्रदर्शन किया और कई प्रदर्शनों के आयोजन में भूमिका निभाई। यूथ कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि राजनीतिक दलों को इन प्रदर्शनों से दूर ही रखा जाना चाहिए। मीटिंग में सुझाव आया कि एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस की ओर से आयोजित प्रदर्शनों में पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस ने फैसला किया कि अब वह खुद के स्तर से ही एक के बाद एक प्रदर्शनों की एक श्रृंखला चलाएगी। कांग्रेस शासित राज्य सीएए और एनआरसी के विरोध में अपने-अपने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 'शांति मार्च' निकालेंगे। वहीं, पार्टी की अलग-अलग इकाइयां कांग्रेस स्थापना दिवस पर 28 दिसंबर को सभी राज्यों में की राजधानियों में फ्लैग मार्च निकालेंगी।