लखनऊ
कुल सदस्य संख्या-404
1-भारतीय जनता पार्टी- 302 से बढ़कर- 309
2- समाजवादी पार्टी- 47 से बढ़कर- 50
3- बहुजन समाज पार्टी- यथास्थिति- 18
4- अपना दल-सोनेलाल- 08 से बढ़कर- 09
6- कांग्रेस यथास्थिति- 07
7- सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी यथास्थिति- 04
8- राष्ट्रीय लोकदल यथास्थिति- 01
9- निर्बल आम दल यथास्थिति- 01
10- निर्दलीय यथास्थिति- 03
11- नामित सदस्य- 01
12- एक रिक्त सीट टूंडला (फीरोजाबाद) पर उप चुनाव घोषित नहीं है। मामला हाईकोर्ट में लंबित।
कम हुआ भाजपा का जनाधार, सपा व कांग्रेस ने बनायी बढ़त
उत्तर प्रदेश की 11 विधान सभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों से जुड़े आंकड़े कई दिलचस्प कहानियां बयान करते हैं। इस चुनाव में हर विस सीट पर 2017 के मुकाबले भाजपा का जनाधार कम हुआ और सपा, कांग्रेस के जनाधार में इजाफा हुआ।
गंगोह में चार फीसदी हुआ कम
गंगोह विस सीट हालांकि भाजपा ने जीती मगर 2017 के आम विस चुनाव के मुकाबले इस उपचुनाव में यहां उसका वोट प्रतिशत कम हो गया जबकि कांग्रेस के वोट प्रतिशत में 2017 के मुकाबले 4 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
रामपुर में भाजपा का 20 फीसदी वोट बढ़ा
रामपुर विस सीट पर भाजपा ने जनाधार काफी अच्छे ढंग से मजबूत किया है। यहां 2017 के आम चुनाव में भाजपा को महज 25.84 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि इस बार के उपचुनाव में भाजपा ने 44.34 प्रतिशत वोट हासिल किए यानि करीब 20 प्रतिशत वोट भाजपा का रामपुर में बढ़ा।
लखनऊ कैंट में गिरा सपा का वोट बैंक
लखनऊ कैण्ट विस सीट पर 2017 के मुकाबले मतदान प्रतिशत कम रहा। भाजपा का जनाधार तो जस का तस रहा मगर सपा के वोट बैंक में यहां गिरावट आई। 2017 के आम चुनाव में इस सीट पर 33.04 प्रतिशत हासिल करने वाली सपा इस उपचुनाव में महज 19 फीसद वोट ही हासिल कर पाई। हालांकि सपा रही नम्बर दो पर है।
गोविंद नगर में भाजपा का कम हुआ दस फीसदी वोट
कानपुर नगर की गोविन्दनगर सीट पर 2017 की ही तरह इस उपचुनाव में भी मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच ही रहा। मगर 2017 के मुकाबले इस बार कांग्रेस का वोट प्रतिशत यहां करीब 10 फीसदी बढ़ा। भाजपा के वोट बैंक में 10 फीसद की कमी आई।
मानिकपुर में सात फीसदी वोट हुआ कम
मानिकपुर सीट पर भाजपा के वोट बैंक में 2017 के मुकाबले करीब 7 फीसदी की कमी आयी, हालांकि यहां जीत भाजपा को ही मिली। प्रतापगढ़ सीट पर अपना दल को 2017 के मुकाबले करीब 10 फीसदी वोट का नुकसान हुआ हालांकि जीत अपना दल को ही मिली है।
जैदपुर में 2017 के सारे चुनावी समीकरण बिगाड़ते इस बार सपा आगे निकल गई। सपा ने यहां अपने जनाधार में काफी सुधार किया। जलालपुर में भी सपा का प्रदर्शन अच्छा रहा और यह सीट उसने बसपा से छीन ली।