अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष को HC से बड़ी राहत, शासन की रिट अपील हुई खारिज

बिलासपुर
बड़ा आदेश सुनाते हुए राज्य शासन की रिट अपील को हाईकोर्ट (High Court) चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच ने खारिज कर दिया है. राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रामजी भारती (Ramji Bharti) के मामले में सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ शासन ने अपील दायर की थी.

मालूम हो कि भाजपा शासन काल मे अगस्त 2018 में दोबारा नियुक्त किये गए राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष को कांग्रेस सरकार ने मई 2019 को आदेश जारी कर हटा दिया था. इसके खिलाफ रामजी भारती ने हाईकोर्ट में याचिका लगाया था, जिसमें सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने राज्य शासन के द्वारा जारी किए गए मई 2019 के आदेश को निरस्त कर दिया गया था. इसके खिलाफ राज्य शासन ने चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में अपील प्रस्तुत की जिसे डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को सही करार देते हुए शासन की अपील को खारिज कर दिया है.

दरअसल, अगस्त 2018 में रामजी भारती को उनके कार्यकाल जो कि 3 साल का होता है उसके समाप्त होने के तुरंत बाद ही अगस्त में भाजपा ने उन्हें दोबारा राज्य अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था. विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस सरकार आई और अन्य आयोग के अध्यक्षों को या तो हटा दिया गया या कुछ ने तो इस्तीफा दे दिया था. लेकिन राज्य अनुसूचित जाती आयोग के अध्यक्ष रामजी भारती ने इस्तीफा नहीं दिया.

कांग्रेस सरकार ने 28 मई 2019 को एक आदेश जारी करते हुए रामजी भारती को उनके अध्यक्ष पद से हटा दिया था. इसको लेकर रामजी भारती ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि आयोग का कार्यालय 3 साल का होता है और नयी सरकार ने उन्हें महज 9 माह में ही हटा दिया जोकि नियमविरुद्ध है. मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने राज्य शासन के द्वारा जारी आदेश को निरस्त कर दिया था.

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