मैनपुरी
अनुष्का कांड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित एसआईटी के अध्यक्ष आईजी कानपुर दूसरे दिन भी मैनपुरी में डेरा जमाए रहे। आईजी के साथ तीन सदस्यीय टीम ने ट्रांजिट हॉस्टल में मंगलवार को पूरे दिन मामले की पड़ताल की। इस मामले में मेडिकल करने वाली चिकित्सकों की टीम से पूछताछ की गई। पंचनामा के समय मौजूद रहे चार लोगों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया। इसके अलावा आईजी ने दूसरे दिन भी नवोदय विद्यालय जाकर घटना का सीन क्रिएट कराया और जानने की कोशिश की कि आखिर घटना वाले दिन क्या परिस्थितियां थी और किस तरह घटना हुई।
आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल, एसपी मैनपुरी अजय कुमार, एसटीएफ आगरा के सीओ श्यामकांत के साथ भारी पुलिस बल के साथ भोगांव स्थित नवोदय विद्यालय पहुंचे। यहां आईजी ने 16 सितंबर को अनुष्का के फांसी पर लटके हुए शव का सीन क्रिएट कराया। जहां शव लटका मिला था वहां से लेकर अनुष्का के आवास के सीन तैयार कराए गए। जानने की कोशिश की गई कि अनुष्का कितने बजे आवास से निकली और उस कमरे तक पहुंची जहां उसका शव लटका मिला था। इसके बाद सुबह के सीन को भी तैयार कराया गया। देखा गया कि किसने सबसे पहले अनुष्का का शव देखा। जब शव लटका था उस समय क्या सीन था। देर शाम तक एसआईटी इस घटनाक्रम के तथ्यों को नए सिरे से खंगालती रही।
आखिर घटना वाली रात क्या हुआ था? जेहन में यही सवाल
घटना वाली रात क्या हुआ यह सवाल लंबे समय से मैनपुरी के लोगों की जहन में है। पुलिस विवेचना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक घटना वाली रात हॉस्टल की सारी छात्राओं ने टीवी पर फिल्म देखी थी लेकिन अनुष्का फिल्म देखने नहीं गई थी। रात 2.30 बजे के करीब फिल्म देखकर बच्चे लौटे तो उस समय तक अनुष्का हॉस्टल पर बिस्तर पर जाग रही थी और कुछ लिख रही थी। साथी छात्राओं ने पुलिस को जानकारी दी कि वह लोग आकर सो गए। इसके बाद अनुष्का का शव तड़के पास के ही कमरे में लटका मिला। अब सवाल यह है कि इस अवधि में आखिर ऐसा क्या हुआ था? अनुष्का का शव किसी ने लटकाया या उसने आत्महत्या कर ली? लेकिन अब जो स्थितियां सामने आ रही है उसने यह साफ कर ही दिया है कि इस घटना के पीछे कोई बड़ा राज जरूर है, जो सामने नहीं आया है।
डायरी में अनुष्का ने लिखे थे जीवन के घटनाक्रम
पुलिस विवेचना के समय अनुष्का की एक डायरी भी बरामद हुई थी। इस डायरी को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया और उसे विवेचना का हिस्सा बना लिया था। डायरी में कई महत्वपूर्ण बातें थीं। कुछ नाम भी लिखे हुए थे। अनुष्का ने अपने साथ हुए घटनाक्रमों का जिक्र भी डायरी में किया था। चोरी की घटना का जिक्र भी इस डायरी में था। अनुष्का ने लिखा था कि स्कूल में दालमोठ चोरी के बाद उसके साथ क्या-क्या हुआ। उसने कहा था कि वह चोर नहीं है लेकिन दालमोठ चोरी की घटना के बाद उसे चोर के नजरिए से देखा जाता है। अनुष्का बेहद प्रतिभावान थी लेकिन साथ में हुए घटनाओं ने उसे तोड़ दिया था।
स्टाफ को मौके पर आने से रोका गया
मंगलवार की शाम तीन बजे एसआईटी ने नवोदय विद्यालय में फिर से जांच की। प्रधानाचार्य राजेश कुमार यादव सहित सभी को घटनास्थल पर न आने की हिदायत दी गई। इस दौरान विद्यालय में सन्नाटे का आलम बना रहा। रविवार की रात विद्यालय से ले जाए गए वार्डन विश्रुति सिंह, शिक्षक धीरज प्रताप सिंह तथा तीन अन्य छात्र दूसरे दिन भी स्कूल नहीं पहुंचे। इन सभी को पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए पुलिस लेकर आयी है। अधिकारियों ने स्कूल में विभिन्न स्थानों पर बारीकी से घटना की समीक्षा की और बिंदुवार समीक्षा की।
टेस्ट के लिए जुवेनायल कोर्ट में पुलिस ने किया आवेदन
अनुष्का कांड की जांच में पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए लखनऊ ले जाए गए छात्रों, शिक्षक और वार्डन का टेस्ट नहीं हो सका। सोमवार को भोगांव पुलिस की एक टीम इन सभी को लखनऊ ले गई थी। लेकिन वहां किसी का भी टेस्ट नहीं हुआ और सभी को वापस कर दिया गया। कहा गया कि तीनों छात्र नाबालिग हैं इसलिए जब तक जुवेनायल कोर्ट के आदेश नहीं मिलेंगे तब तक किसी का भी टेस्ट नहीं किया जाएगा। शिक्षक और वार्डन का टेस्ट भी नहीं किया गया। कहा गया कि सभी का टेस्ट एक साथ किया जाएगा। बताया गया है कि छात्रों के नाबालिग होने के चलते टेस्ट करने से इनकार कर दिया गया।
मंगलवार को तड़के तीन बजे के करीब सभी भोगांव आ गए। इसके बाद मैनपुरी पुलिस ने टेस्ट कराने के लिए जुवेनायल कोर्ट में आवेदन कर दिया। उधर आईजी ने गवाहों के अलावा पंचनामे से जुड़े पांच लोगों सुशील कुमार पांडेय, आशीष पांडेय, श्याम पांडेय, विजय मिश्रा, आशुतोष पाठक से पूछताछ की। वहीं अनुष्का के मेडीकल से जुड़े एक महिला चिकित्सक डॉ. निशिता यादव और डॉ. पवन राजपूत, डॉ. आनंद किशोर से पूछताछ भी की।
एसआईटी की जांच जारी है। विभिन्न बिंदुओं पर तथ्य जुटाए जा रहे हैं। पुलिस जल्द घटना की तह में पहुंचेगी और घटनाक्रम का खुलासा करेगी। नवोदय में फिर से टीम ने जाकर जांच की है। -मोहित अग्रवाल, आईजी कानपुर